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सभी विदेशी कोच सामरिक रूप से बहुत मजबूत नहीं होते हैं : भूटिया

सभी विदेशी कोच सामरिक रूप से बहुत मजबूत नहीं होते हैं : भूटिया

Updated on: 19 Jul 2021, 08:45 PM

नई दिल्ली:

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया का मानना है कि सभी विदेशी कोच सामरिक रूप से मजबूत नहीं होते हैं।

भूटिया ने आईएएनएस से कहा, सभी विदेशी कोच बुरे नहीं होते, इसी तरह सभी विदेशी कोच बहुत ज्यादा मजबूत भी नहीं होते हैं। ऐसा ही भारतीय कोचों के साथ भी है।

उन्होंने कहा, यह निर्भर करता है कि आप किस कोच और किस समय खेल रहे हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं बॉब होघटॉन जैसे एक या दो अच्छे कोचों के साथ खेला हूं। मैं उन विदेशी कोचों के नेतृत्व में भी खेला हूं जो ज्यादा बेहतर नहीं थे।

पूर्व कप्तान ने कहा, मेरे कहने का सार यह है कि मैं ऐसे कुछ विदेशी कोचों के नेतृत्व में भी खेला हूं जो इतने महान नहीं थे और ऐसे कोच के साथ भी खेला हूं जो बहुत अच्छे थे।

भूटिया ने कहा, हां, भारतीय कोच खिलाड़ियों को जानते हैं और वातावरण को बेहतर तरीके से समझते हैं लेकिन इन्हें सामरिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है जो शायद वे नहीं है।

हालांकि, भूटिया ने कहा कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की तकनीकी समिति के अध्यक्ष इस बात पर निर्णय लेने के लिए सबसे अच्छी तरह सुसज्जित थे कि कोच भारतीय होना चाहिए या विदेशी।

भूटिया ने कहा, यह बहुत जरूरी है। मुझे लगता है कि कोच को फुटबॉल की सामरिक, स्थानीय वातावरण और भारतीय खिलाड़ी की समझ होनी चाहिए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.