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नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल : मोहम्‍मद कैफ बोले, युवराज सिंह के आउट होने पर लगा हार गए, लेकिन तभी

तारीख 13 जुलाई साल 2002. इंग्‍लैंड का लार्ड्स का मैदान और भारत बनाम इंग्‍लैंड नेटवेस्‍ट ट्रॉफी का फाइनल. इंग्‍लैंड की टीम ने पहले बल्‍लेबाजी करते हुए पांच विकेट के नुकसान पर बनाए 325 रन.

Updated on: 21 Apr 2020, 07:24 AM

New Delhi:

तारीख 13 जुलाई साल 2002. इंग्‍लैंड का लार्ड्स का मैदान और भारत बनाम इंग्‍लैंड नेटवेस्‍ट ट्रॉफी (NatWest Trophy Final) का फाइनल. इंग्‍लैंड की टीम ने पहले बल्‍लेबाजी करते हुए पांच विकेट के नुकसान पर बनाए 325 रन. भारत को जीत के लिए चाहिए 326 रन, लेकिन भारत का स्‍कोर अभी 146 रन ही हुआ था और भारत ने अपने पांच विकेट खो दिए थे. भारत की ओर से आउट होने वाले खिलाड़ियों में भारतीय कप्‍तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly), वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag), सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) , दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) शामिल. भारत को अभी भी जीत के लिए लंबी दूरी तय करनी थी और क्रीज पर थे, युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और मोहम्‍मद कैफ (Mohammad Kaif). इसके बाद इन दोनों ने लंबी साझेदारी की और भारत को जीत तक पहुंचाया. भारत की इस जीत पर लार्ड्स की बॉलकनी में तब के कप्‍तान सौरव गांगुली ने अपनी शर्ट उतार दी और हवा में लहराई थी. इस मैच और सौरव गांगुली को आज भी याद किया जाता है. अब मोहम्‍मद कैफ और युवराज सिंह ने फिर से उसे याद किया है. 

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युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ का नाम जब भी आता है तो सबसे पहले यादों में 2002 में लॉर्डस मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल की ऐतिहासिक जीत आती है, जो भारत ने 326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दर्ज की थी. मोहम्‍मद कैफ ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि युवराज सिंह के आउट होने के बाद उन्हें लगा था कि भारत मैच हार गया. भारत ने हालंकि इस मैच में इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. युवराज सिंह और मोहम्‍मद कैफ ने इस मैच में मुश्किल समय में छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की थी. यह साझेदारी उस समय आई थी, जब भारत ने अपने पांच विकेट 146 रनों पर ही खो दिए थे. मोहम्‍मद कैफ 87 रनों पर नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाने में सफल रहे थे. मोहम्‍मद कैफ को उस मैच के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्‍कार भी दिया गया था.

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मोहम्‍मद कैफ ने युवराज सिंह के साथ इंस्टागराम लाइवचैट में कहा, जब युवराज सिंह आउट हो गए थे, तब मुझे लगा कि मैच गया. मुझे नहीं लग रहा था कि हम मैच जीतेंगे. मैं सेट था और आप वहां थे तो मुझे लगा था कि अगर हम आखिर तक खेलेंगे दो मैच जीत जाएंगे. लेकिन आप आउट हो गए और भारत ने उम्मीदें खो दीं. मेरा दिल टूट गया था. भारत आखिरकार मैच जीता और कप्तान कप्‍तान सौरव गांगुली ने लॉडर्स की बालकनी से टी-शर्ट उतार कर लहराई. गांगुली की इस बात को भी हमेशा याद किया जाता है.
भारत की ओर से उस मैच में कप्‍तान सौरव गांगुलजी ने 60, वीरेंद्र सहवाग ने 45 रन की पारी खेली थी, वहीं निचले क्रम में युवराज सिंह ने 63 गेंद में 79 रन की और मोहम्‍मद कैफ ने 75 गेंद में 87 रन की पारी खेली थी. भारतीय टीम ने तीन गेंद शेष रहते इस मैच को जीत लिया था. उस जीत को भारत की अब तक सबसे बड़ी जीतों में से एक गिना जाता है. अब जबकि कोराना वायरस के कारण कहीं भी मैच नहीं हो रहा है तो खिलाड़ी पुराने मैचों की याद को ताजा कर रहे हैं.

(आईएएनएस इनपुट)