logo-image

दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड में नहीं जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा पछतावा : एमएसके प्रसाद

एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है और भविष्य के लिए नई चयन समिति चुनी जाएगी.

Updated on: 05 Dec 2019, 08:17 PM

नई दिल्ली:

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा था कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है और भविष्य के लिए नई चयन समिति चुनी जाएगी. प्रसाद ने अब इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि समिति का चेयरमैन रहते भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाना उनके लिए हमेशा पछतावा का विषय रहेगा.

ये भी पढ़ें- IND vs WI: टी20 और वनडे सीरीज में टीवी अंपायर करेंगे No Ball का फैसला, ICC ने की पुष्टि

प्रसाद ने इंडिया टूडे से कहा, "मुझे लगता है कि तीन साल से भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बने रहना मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि देता है. हमने न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज जीती. आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना निश्विचत रूप से सबसे अच्छी बात थी. विदेशी में मिली हार का मुझे बहुत अफसोस होगा. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में जो कुछ हुआ, मैं उसके उल्टा देखना पसंद करता. हमारी टीम में सबकुछ थी. जिस तरह से टीम लड़ी, उसे देखते हुए हमारी टीम विदेशों में जीत की हकदार थी."

ये भी पढ़ें- इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के लिए सिरदर्द बनी जेम्स एंडरसन की कमी, विदेशी धरती पर 'फन्ने खां' भी फेल

गांगुली ने रविवार को एजीएम में कहा था, "कार्यकाल समाप्त हो गया है. आप इससे आगे नहीं जा सकते हैं. उन्होंने अच्छा काम किया है. अब हम चयन समिति का कार्यकाल निर्धारित करेंगे और हर साल चयनकर्ता नियुक्त करना सही नहीं है." प्रसाद और गगन खोड़ा 2015 में चयनकर्ता नियुक्त किए गए थे जबकि जतिन परांजपे, संदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में उनके साथ जुड़े थे. प्रसाद ने आगे कहा कि चयनकर्ता प्रमुख रहते उन्होंने कभी दबाव महसूस नहीं किया.

ये भी पढ़ें- अर्जुन पुरस्कार विजेता के घर तीसरी बार हुई चोरी, 7 महीनों में 2 कार और 1 स्मार्टफोन उड़ा ले गए चोर

उन्होंने कहा, "मुझे कभी दबाव महसूस नहीं हुआ. अगर आपकी सोच स्पष्ट नहीं है तो फिर आप केवल असहज महसूस करेंगे. हम बहुत स्पष्ट थे, खासकर खिलाड़ियों का चयन करते समय. आपको अपनी योजना पर विश्वास करना चाहिए और इसे सही से लागू करना चाहिए. इसके बाद आपको इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि बाहर क्या हो रहा है."

ये भी पढ़ें- इस मामले में सचिन तेंदुलकर की तुलना नहीं कर सकते विराट कोहली, इस पाकिस्तानी दिग्गज ने दिया बड़ा बयान

उन्होंने कहा, "हमने साल में लगभग 220-240 दिनों तक दौरे किए. पिछले दो वर्षों के दौरान कुछ खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन में निरंतरता के आधार पर दोबारा टीम में चुना. हमने उन्हें भारत-ए के लिए खेलाकर तैयार किया. हमने उनका समर्थन किया. आज हमारे पास मुख्य स्पिन गेंदबाजों के अलावा छह गुणवत्ता वाले स्पिनर हैं. हमें अपने पांच मुख्य गेंदबाजों के अलावा चार तेज गेंदबाज भी मिले हैं. वे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए काफी काफी अच्छे हैं."