एमएस धोनी के खास दोस्त ने पूछा था मामूली सवाल, आज तक नहीं मिला उसका जवाब
आरपी सिंह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्हेंने साल 2005-06 में टीम इंडिया में एंट्री ली. एमएस धोनी के कुछ समय बाद ही. एमएस धोनी और आरपी सिंह टीम इंडिया में आने से पहले से ही एक दूसरे के दोस्त थे.
New Delhi:
बड़े लोगों से दोस्ती हर कोई करना चाहता है. लेकिन जब कोई कुछ भी न हो, तब दोस्ती हो और बाद में जब वह बहुत कुछ बन जाए तो उससे कुछ न कुछ तो उम्मीद होती है. आज हम आपको एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं, जो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) को लेकर है. दरअसल यह किस्सा कम, एक पू्र्व खिलाड़ी की व्यथा ज्यादा है. एक खिलाड़ी जो आते ही चमक गया और देखते ही देखते लोग उसे जानने पहचाने लगे, लेकिन बाद में उस खिलाड़ी का करियर कुछ ही दिन में समाप्त हो गया. जबकि उस खिलाड़ी का सबसे अच्छे दोस्त एमएस धोनी (Mahendra Singh Dhoni) उस टीम के कप्तान हुआ करते थे. हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के पू्र्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह (RP Singh) की.
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आरपी सिंह (Rudra Pratap Singh) उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्हेंने साल 2005-06 में टीम इंडिया में एंट्री ली. यानी एमएस धोनी की एंट्री के कुछ समय बाद ही. हालांकि आपको बता दें कि एमएस धोनी और आरपी सिंह टीम इंडिया में आने से पहले से ही एक दूसरे को जानते थे और अच्छे दोस्त भी थे. पहले धोनी की टीम इंडिया में एंट्री होती है और उसके बाद आरपी सिंह भी टीम मे आ जाते हैं. यानी दोनों दोस्त साथ साथ टीम इंडिया के लिख खेलने लगे. आरपी सिंह ने भारत के लिए खेलते हुए भी शानदार प्रदर्शन किया और उन्हें जहीर खान के विकल्प के रूप में देखा जाने लगा. लेकिन यह खिलाड़ी ज्यादा दिन तक नहीं चल सका और उसे टीम से बाहर कर दिया गया. आरपी सिंह को जब टीम से बाहर किया गया तब टीम इंडिया का कप्तान कौन था, जानते हैं आप. जी हां, आरपी सिंह के सबसे अच्छे दोस्त एमएस धोनी. आपको यह भी बता दें कि जब एमएस धोनी ने अपनी दोस्त साक्षी धोनी से शादी की थी, तब आरपी सिंह की बहुत बड़ी भूमिका उसमें थी.
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आरपी सिंह ऐसे गेंदबाज थे, जो साल 2007 के T20 विश्व कप में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, तब धोनी की ही कप्तान में भारत ने विश्व कप पर कबजा किया था, यह धोनी की कप्तानी में जीती गई पहली आईसीसी ट्रॉफी थी, जिसे आज भी याद किया जाता है. लेकिन जब आरपी सिंह का सबसे अच्छा दोस्त ही टीम इंडिया का कप्तान हो तो फिर आरपी सिंह टीम से बाहर क्यों हो गए. क्या यह सवाल कभी आरपी सिंह ने धोनी से पूछा था. जी हां, यह सवाल आरपी सिंह ने धोनी से किया था, लेकिन आज दिन तक धोनी ने आरपी सिंह को इसका जवाब नहीं दिया है.
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पूर्व सलामी बल्लेबाज और अब कमेंटेटर का काम कर रहे आाकाश चोपड़ा से बात करते हुए आरपी सिंह ने बताया कि धोनी और वे टीम इंडिया के लिए खेलने से पहले एक दूसरे को जानते हैं. आरपी सिंह ने बताया कि धोनी का सिलेक्शन टीम इंडिया के लिए पहले हो गया, और उसके बाद कुछ ही समय बाद वे भी टीम में आ गए. लेकिन धोनी कप्तान बन गए और वे लगातार आगे बढ़ते चले गए, आरपी का ग्राफ नीचे आता चला और वे टीम से बाहर हो गए. आरपी सिंह ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि उन्होंने एक बार धोनी से बात की थी और यह पूछा था कि अच्छा क्रिकेटर बनने के लिए वे क्या करें. इस पर धोनी ने उस वक्त तो कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन बाद में कहा था कि आप कड़ी मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन हो सकता है कि आपका भाग्य आपके साथ न हो. हालांकि आरपी सिंह ने बताया इन सबके बाद भी उनकी दोस्ती आज भी बरकरार है. वे बातें करते हैं, साथ में घूमते हैं.
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टीम इंडिया से बाहर होने के बाद भी आरपी सिंह कई साल तक आईपीएल में भी खेलते रहे, शुरुआत में तो वे सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बनें, लेकिन बाद में उन्हें आईपीएल में भी खेलने का मौका नहीं मिला, इसका कारण यह था कि शायद कप्तान को उन पर भरोसा ही नहीं था. आरपी सिंह ने बताया कि उन्होंने तो सेलेक्टर से भी पूछ लिया था कि उनका चयन क्यों नहीं हो रहा है, इस पर उनसे कहा गया कि राजे तू मेहनत कर तेरा वक्त जरूर आएगा.
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आरपी सिंह ने बताया कि वे लगातार साल 2018 तक इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें कहीं से कोई जवाब नहीं आया और साल 2018 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया. आरपी सिंह ने अपने जीवन में कुल 14 टेस्ट और 58 वन डे खेले हैं, इसके साथ ही उन्होंने दस T20 मैच भी खेले हैं. 14 टेस्ट में 40 विकेट, 58 वन डे में 69 विकेट और दस वन डे में 15 विकेट आरपी सिंह ने लिए हैं. लेकिन इसके बाद भी वे लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए नहीं खेल पाए.
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