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विश्व कप सेमीफाइनल में दर्द के बाद भी कैसे खेले मोहम्‍मद शमी, नहीं टाली धोनी की बात

विश्व कप 2015 में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल से पहले मोहम्मद शमी के लिए घुटने की चोट के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साफ कर दिया कि वह इतने बड़े मैच में किसी अन्य गेंदबाज को नहीं उतार सकते.

Updated on: 16 Apr 2020, 12:56 PM

New Delhi:

विश्व कप 2015 (World Cup 2015) में भारत और आस्ट्रेलिया (India Vs Australia) के बीच सेमीफाइनल से पहले मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के लिए घुटने की चोट के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा था, लेकिन तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने साफ कर दिया कि वह इतने बड़े मैच में किसी अन्य गेंदबाज को नहीं उतार सकते. ऐसे में तेज गेंदबाज मोहम्‍मद शमी (Mohammed Shami) को दर्द निवारक दवाइयां लेकर मैदान पर उतरना पड़ा था. सिडनी में वह भले ही खेले थे, लेकिन घुटने की इस चोट से उनका करियर खतरे में पड़ गया था. उन्हें इसका आपरेशन करवाना पड़ा और 26 मार्च 2015 के बाद उन्होंने अपना अगला अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई 2016 में टेस्ट मैच के रूप में खेला था.

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मोहम्‍मद शमी ने पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान से इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, सेमीफाइनल से पहले मैंने अपने साथियों से कहा कि मेरे लिए यह चोट अब असहनीय हो गई है. मैच के दिन मैं दर्द से परेशान था. मैंने टीम प्रबंधन से चर्चा की, लेकिन उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा. उन्होंने कहा, माही भाई, टीम प्रबंधन ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया. उन्होंने कहा कि यह सेमीफाइनल है और इसमें वे नए गेंदबाज के साथ नहीं उतर सकते हैं. असल में आस्ट्रेलिया में भारत के विश्व कप अभियान के दौरान  मोहम्‍मद शमी की चोट को छिपाया गया था. वह घुटने पर पट्टियां बांधकर अभ्यास सत्र में उतरे थे और दर्द निवारक इंजेक्शन लेकर मैचों में खेले थे.

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मोहम्‍मद शमी ने साफ तौर पर कहा, विश्व कप 2015 में मेरे घुटने में चोट लगी थी. मैचों के बाद मैं चल नहीं पा रहा था. चोटिल होने के बावजूद मैं पूरे टूर्नामेंट में खेला. मैं फिजियो नितिन पटेल के भरोसे के कारण विश्व कप 2015 में खेला था. उन्होंने कहा, घुटना पहले मैच में ही जवाब दे गया था. मेरी जांघ और घुटने का आकार बराबर हो गया था. डाक्‍टर हर दिन उससे मवाद बाहर निकालते थे. मैं तीन दर्द निवारक इंजेक्शन लेता था. शमी ने कहा, मैंने पहले पांच ओवर किए और 13 रन (असल में 16 रन) दिए.  मैंने एरॉन फिंच और डेविड वार्नर को परेशानी में रखा, लेकिन गेंद उनके बल्ले को छूकर नहीं जा पाई. इसके बाद मैंने माही भाई से बात की और मुझे गेंदबाजी से हटा दिया गया.

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वह एमएस धोनी थे जो शमी को लगातार कहते रहे कि वह दर्द से पार पा सकते हैं. मोहम्‍मद शमी ने कहा, इंजेक्शन लेने के बाद भी मेरी स्थिति अच्छी नहीं थी. मैंने माही भाई से कहा कि मैं गेंदबाजी नहीं कर सकता क्योंकि मैं दौड़ नहीं सकता हूं. लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि खुद पर भरोसा रखो, कोई कामचलाऊ गेंदबाज भी रन देगा. इस तेज गेंदबाज को दस ओवर के कोटा में 60 से अधिक रन नहीं देने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन उन्होंने 68 रन लुटाए और उन्हें विकेट भी नहीं मिला. यह मैच स्टीव स्मिथ के शानदार शतक और मशहूर भारतीय बल्लेबाजी की नाकामी के लिए जाना जाता है. मोहम्‍मद शमी ने कहा, धोनी ने मुझसे कहा कि 60 से अधिक रन नहीं लुटाना. मैं इससे बुरी परिस्थितियों में कभी नहीं खेला. किसी ने कहा कि मेरा करियर खत्म हो गया है. किसी ने कहा कि मुझे नहीं खेलना चाहिए लेकिन मैं आज भी खेल रहा हूं.