#MeToo: यौन उत्पीड़न मामले में BCCI के CEO राहुल जौहरी केस पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने अपनी याचिका में कहा है, 'बीसीसीआई (BCCI) ने राहुल जौहरी (Rahul Johri) के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
#MeToo: यौन उत्पीड़न मामले में BCCI के CEO राहुल जौहरी केस पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

#MeToo मामले में BCCI के CEO राहुल जौहरी केस पर सुनवाई करेगा SC

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा है कि वह बीसीसीआई (BCCI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी (Rahul Johri) पर लगे यौन उत्पीड़न आरोप को लेकर बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई जुलाई में करेगा. न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा, 'सही पीठ के सामने याचिका को अन्य अपील के साथ सूचीबद्ध करें.'

Advertisment

सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने अपनी याचिका में कहा है, 'बीसीसीआई (BCCI) ने राहुल जौहरी (Rahul Johri) के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया है. स्थितियां साफ बताती हैं कि राहुल जौहरी (Rahul Johri) को निर्दोष साबित करने की पूरी कोशिश की जा रही है और उन्हें (शिकायतकर्ता) राहुल जौहरी (Rahul Johri) मामले में प्रशासकों की समिति (सीओए (COA)) द्वारा बनाई गई 'स्वतंत्र समिति' की रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई है.'

और पढ़ें:  हितों के टकराव मामले पर लोकपाल ने सचिन तेंदुलकर- लक्ष्मण को गवाही के लिए बुलाया

इस मामले पर सीओए (COA) की रिपोर्ट को लेकर वर्मा ने कहा, 'चूंकि मैं काफी वर्षो से बीसीसीआई (BCCI) के खिलाफ लड़ रहा हूं, मुझे यह देखकर काफी दुख होता है..साथ ही सीओए (COA) ने जिस तरह से शिकायतकर्ताओं के साथ सामाजिक तौर पर व्यवहार किया उसे देखकर हैरानी होती है.'

राहुल जौहरी (Rahul Johri) मामले में विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए (COA) ने एक स्वतंत्र समिति का गठन किया था जिसमें राकेश शर्मा (सेवानिवृत न्यायाधीश), बरखा सिंह और वीना गौड़ा थीं. राकेश और बरखा ने अपनी जांच में राहुल जौहरी (Rahul Johri) को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन वीना ने राहुल जौहरी (Rahul Johri) के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि बर्मिंघम में राहुल जौहरी (Rahul Johri) का व्यवहार एक बीसीसीआई (BCCI) जैसी संस्था के सीईओ के तौर पर गैरपेशेवर है जो संस्था की साख पर बट्टा लगा सकता है. इसे संबंधित अधिकारियों द्वारा देखा जाना चाहिए.

स्वतंत्र समिति ने अपनी जांच पूरी कर सीओए (COA) को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इस रिपोर्ट को बीसीसीआई (BCCI) की वेबसाइट पर भी जारी किया गया था.

और पढ़ें:   पाकिस्तान के इस पूर्व खिलाड़ी का शाहिद अफरीदी पर हमला, कहा- स्वार्थ के तहत कई करियर किए बर्बाद

सीएबी के वकील जगनाथ सिंह ने कहा है कि बीसीसीआई (BCCI) की वेबसाइट पर जारी सीओए (COA) की रिपोर्ट से यह साफ पता चलता है कि सीओए (COA) के सिर्फ एक अधिकारी ने इस रिपोर्ट को कबूल किया है जबकि दूसरे सदस्य ने इस नामंजूर कर दिया है. 

उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट को न मंजूर किया गया और न ही ठुकराया गया. यह लंबित है. सीओए (COA) के चेयरमैन ने यह साबित करने की कोशिश की है कि सीईओ को दोषमुक्त साबित कर दिया गया है.'

वर्मा ने वरिष्ठ वकील और बीसीसीआई (BCCI) मामले में एमिकस क्यूरे पी.एस. नरसिम्हा को भी इस संबंध में पत्र लिखा है. 

और पढ़ें: Women IPL 2019: मंधाना से मिली हार के बाद जानें क्या बोली हरमनप्रीत कौर

उन्होंने कहा, 'मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि जिस लड़की ने शिकायत की है वो बीसीसीआई (BCCI) में काम कर रही है और रोज परेशानी और भेदभाव का सामना कर रही है. समिति के सामने जो लोग पेश हुए थे और जो शिकायतकर्ता है, उन्हें जांच समिति की रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए.'

Source : IANS

Rahul Johri Supreme Court Rakesh Sharma Vinod Rai Board of Control for Cricket in India Barkha Singh
      
Advertisment