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कपिल देव ने की इमरान खान की तारीफ, गौतम गंभीर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए कही ये बड़ी बात

कपिल और इमरान क्रिकेट का मैदान साझा कर चुके हैं लेकिन गम्भीर को इमरान के साथ खेलने का मौका नहीं मिला है. इमरान को दुनिया के महानतम हरफनमौला खिलाड़ियों में एक माना जाता है.

Updated on: 26 Jul 2019, 07:04 PM

नई दिल्ली:

भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान का अमेरिका में यह कबूल करना कि उनके देश में हजारों आंतवादियों को पनाह दी गई है, की तारीफ की जानी चाहिए लेकिन इसके बाद अब पाकिस्तान को अपने आप में सुधार करना होगा. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सासंद और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर ने कहा कि इमरान के मानने भर से कुछ नहीं होता क्योंकि जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादियों के खिलाफ कदम नहीं उठाएगा, तब तक दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक रिश्ते नहीं सुधरेंगे. दोनों पूर्व खिलाड़ी शुक्रवार को विजय दिवस के मौके पर बोल रहे थे.

कपिल और इमरान क्रिकेट का मैदान साझा कर चुके हैं लेकिन गम्भीर को इमरान के साथ खेलने का मौका नहीं मिला है. इमरान को दुनिया के महानतम हरफनमौला खिलाड़ियों में एक माना जाता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में कहा था कि अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों या कश्मीर में प्रशिक्षण लेकर लड़ने वाले करीब 40,000 आतंकी उनके देश में रहे हैं. इस पर जब कपिल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पहली बार किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस तरह की बात कबूली है, इसलिए इसकी तारीफ करनी चाहिए. वो भी एक बड़े मंच पर. मैं इसे सकारात्मक तरीके से देखता हूं. लेकिन अब पाकिस्तान को सुधार करना चाहिए.

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कपिल देव ने कहा, ''पाकिस्तान की ओर से यहां से बेहतरी होनी चाहिए, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं. हमें उन्हें थोड़ा समय देना चाहिए हालांकि ज्यादा समय नहीं देना होगा और हमें अपने आंख और कान खोल के रखने चाहिए ताकि हम सतर्क रह सकें. रिश्ते बेहतर होने चाहिए लेकिन हमारी शर्त पर." वहीं, गौतम ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रूख अख्तियार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कबूलनामे से फर्क नहीं पड़ता, फर्क पड़ता है तो उनके द्वारा उठाए गए कदमों से और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इमरान दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने के लिए सकारात्मक पहल कर सकते हैं. गौतम ने कहा, "मेरा यह निजी तौर पर मानना है कि मुझे इमरान के मानने से फर्क नहीं पड़ता. जब वह आंतकवाद के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाते तब तक कबूलनामा बेमानी है."

गंभीर ने कहा कि मानने में और कदम उठाने में जमीन आसमान का फर्क है. अगर वो हाफिज सईद और बाकि आंतकवादियों को भारत को सौंपते हैं, यह सही दिशा में उठाया गया कदम होगा. गौतम ने कहा, "मैं बदलाव देखना चाहता हूं लेकिन यह बदलाव पाकिस्तान की तरफ से देखना चाहता हूं. हम भी चाहते हैं कि शांति रहे लेकिन यह एक तरफ से नहीं हो सकती. पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करना होगा क्योंकि हमारा धैर्य खत्म हो चुका है और यह हमने पुलवामा आतंकवादी हमले के बालाकोट हवाई हमले के रूप में बाद यह बता दिया है."