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भाई की मौत के बावजूद विश्व कप में खेलता रहा यह खिलाड़ी, दिलाया खिताब

इंग्लैंड के लिए सिर्फ 3 वनडे मैच के अनुभव के आधार पर विश्व कप (World Cup) की टीम में जगह बना कर इतिहास रचने वाले जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) की निजी जिंदगी में खलबली के बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

Updated on: 18 Jul 2019, 02:27 PM

नई दिल्ली:

आईसीसी (ICC) विश्व कप (World Cup) के 12वें संस्करण में इंग्लैंड को अपना पहला विश्व कप (World Cup) खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले जोफ्रा आर्चर का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) के लिए वेस्टइंडीज की टीम में अंडर-19 विश्व कप (World Cup) में खेलने से लेकर इंग्लैंड को खिताब जिताने का तक का सफर बेहद ही कठिन रहा है. इंग्लैंड के लिए सिर्फ 3 वनडे मैच के अनुभव के आधार पर विश्व कप (World Cup) की टीम में जगह बना कर इतिहास रचने वाले जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) की निजी जिंदगी में खलबली के बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

इंग्लैंड के विश्व कप (World Cup) में पहला मैच खेलने के अगले दिन ही जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) के चचेरे भाई एशेंटियो ब्लैकमैन की बारबाडोस में हत्या कर दी गई थी. 24 साल के एशेंटियो ब्लैकमैन को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी. अपने चचेरे भाई की हत्या की खबर सुनकर जोफ्रा आर्चर के पैरों तले जमीन खिसक गई थी और वो सदमे में चले गए थे.

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जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) के पिता फ्रैंक ने बताया कि दोनों भाई काफी करीब थे. उसकी मौत से पहले जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) ने उसे मैसेज किया था. जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) को ब्लैकमैन की मौत से सदमा पहुंचा था लेकिन उन्होंने खेलना जारी रखा.

भाई की मौत से दुखी जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) ने इसके बावजूद विश्व कप (World Cup) पर पूरा ध्यान केंद्रित किया और महज 11 मैचों में 20 विकेट अपने नाम किए. वह इंग्लैंड के लिए विश्व कप (World Cup) में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं. इतना ही नहीं जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) ने फाइनल मैच में सुपरओवर भी फेंका और इंग्लैंड को विश्व चैंपियन बनाया.

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बता दें कि एशेंटियो ब्लैकमैन का मर्डर 31 मई को उनके घर के बाहर हुआ. एशेंटियो रात 8 बजकर 25 मिनट पर अपने घर के बाहर बैठे हुए थे, तभी उनकी कार पर गोलीबारी हुई, जिसमें उनकी मौत हो गई. जिस वक्त ये हत्याकांड हुआ उस दौरान उनकी गर्लफ्रेंड और उनका 4 साल का बच्चा घर के अंदर था. ऐसे में उन्हें भी खबर नहीं लगी कि आखिर हत्यारे कौन थे और उनका हुलिया कैसा था? हैरानी की बात ये है कि ये बारबाडोस में 26वां मर्डर था.