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जावेद मियांदाद बोले, यह काम इस्लाम के खिलाफ, चढ़ा देना चाहिए फांसी

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने जब से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है, तब से वे अपने बेबाक बयान देना शुरू कर दिया है.

Updated on: 04 Apr 2020, 03:47 PM

Lahore:

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने जब से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया है, तब से वे अपने बेबाक बयान देना शुरू कर दिया है. वे अब युवा खिलाड़ियों को सीख भी दे रहे हैं. अब जावेद मियांदाद ने मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग पर बड़ी बात कही है. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद का मानना है कि स्पॉट फिक्सिंग करना किसी की हत्या करने के समान है. क्रिकेट में भ्रष्टाचार करने वालों को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए. जावेद मियांदाद ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा, जो लोग स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होते हैं, उन्हें फांसी पर चढ़ा देना चाहिए. 

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पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने कहा, स्पॉट फिक्सिंग करने वालों को फांसी पर लटका देना चाहिए, क्योंकि यह गुनाह उतना ही बड़ा है, जितना किसी का कत्ल करना और कत्ल की सजा भी कत्ल होती है. एक उदाहरण सेट करना चाहिए ताकि कोई भी ऐसा करने के बारे में सोचे भी ना.

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पूर्व कप्तान का मानना है कि स्पॉट फिक्सिंग जैसी चीजें इस्लाम के खिलाफ है और इससे उसी के अनुसार निपटना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भी सही कदम नहीं उठा रही है. 62 वर्षीय मियांदाद ने कहा, ऐसे लोगों को माफ करके पीसीबी सही नहीं कर रही है. मुझे लगता है कि जो खिलाड़ी फिक्सिंग करते हैं, वे अपने परिवार के साथ भी सही नहीं होते. इंसानियत के लिए भी यह सही नहीं है, और ऐसे लोगों को जिंदा रहने का अधिकार नहीं है. जावेद मियांदाद ने कहा, खिलाड़ियों के लिए आसान होता है कि पहले वे फिक्सिंग जैसे गलत काम करें, इससे पैसा कमाएं और फिर अपने कनेक्शन से टीम में वापसी कर लें.

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आपको बता दें कि इससे पहले जावेद मियांदाद ने कहा था कि युवा खिलाड़ियों को आपने आसपास की लाइफस्टाइल और वातावरण पर ध्यान न देकर अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए. मियांदाद ने यूट्यूब वीडियो में कहा, उभरते हुए खिलाड़ियों को लाइफस्टाइल को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. अगर वो करेंगे तो उनके लिए फिल्में सही जगह है. उन्होंने कहा, हमने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि हम मैदान पर कैसा दिखते हैं. मैच के बाद आप जो चाहें वो करिए. खिलाड़ी बच्चों के लिए रोल मॉडल होते हैं और खिलाड़ी जो करते हैं वहीं बच्चे करते हैं. खिलाड़ी को इस बात को लेकर सतर्क रहना चाहिए कि वो किस तरह का उदाहरण पेश कर रहा है.