आईपीएल का पहला फ़ाइनल और हाथ में मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी। मुंबई इंडियन्स के ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या कहते हैं, 'फाइनल में मैन ऑफ द मैच चुना जाना एक ख्वाब के सच होने की तरह है।'
लेकिन ये ख्वाब किसी इत्तेफ़ाक से हकीकत में नहीं बदला। इसके लिए क्रुणाल ने मुश्किल पिच पर उस वक्त विकेट पर टिके रहने की हिम्मत दिखाई जब मुंबई के तमाम स्टार बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे।
क्रुणाल पिच पर आए तो टीम का स्कोर था तीन विकेट पर 41 रन लेकिन अगले 38 रन जोड़कर टीम ने चार विकेट और गंवा दिए। तब मुंबई का सौ रन के पार जाना भी मुश्किल दिखने लगा।
और पढ़ेंः चीनी बॉक्स ऑफिस पर आमिर की दंगल ने तोड़े पहले दिन कमाई के रिकार्ड, पीके को भी पछाड़ा
क्रुणाल कहते हैं, 'जब विकेट गिर रहे थे तब मैं 20 ओवरों तक खेलना चाहता था। मैं जानता था कि अगर 19 वें और 20वें ओवर तक टिका तो मैं हमला बोल सकता हूं।' उन्होंने यही किया। तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से 38 गेंद में 47 रन बनाए और मुंबई को 129 रन के स्कोर तक पहुंचा दिया जो मैच विनिंग टोटल साबित हुआ।
क्रुणाल ने ये कमाल पहली बार नहीं किया। आईपीएल 10 में वो बार-बार मुंबई के लिए उपयोगिता साबित करते रहे। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ क्वालिफायर मुक़ाबले में उन्होंने नाबाद 45 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 14 अप्रैल को खेले गए मैच में 145 रन का पीछा करते हुए मुंबई ने जब सात रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब भी क्रुणाल ही टीम के संकटमोचक बने थे और नाबाद 37 रन बनाते हुए टीम को चार विकेट से जीत दिलाई थी।
26 साल के इस ऑलराउंडर ने आईपीएल 10 में मुंबई इंडियन्स के लिए 34.71 के औसत से 13 मैचों में 243 बनाए। क्रुणाल पांड्या ने 27.3 के औसत से 10 विकेट भी लिए और उनका इकॉनमी रेट रहा 6.28।
और पढ़ेंः बियोंसे की प्रेग्नेंट बैली पर टैटू, जल्द बनने वाली हैं जुड़वा बच्चों की मां
आईपीएल 10 में खेल के साथ क्रुणाल ट्विटर पर अपने छोटे भाई हार्दिक पांड्या के साथ हुई कथित नोंकझोंक के लिए भी चर्चा में रहे। हार्दिक भी मुंबई इंडियन्स के लिए खेल रहे थे और उन्होंने भी अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से मुंबई की कामयाबी में अहम रोल निभाया। हार्दिक ने सीज़न के 17 मैचों में 250 रन बनाए और 13 विकेट लिए।
Source : News Nation Bureau