न्यूजीलैंड ने मंगलवार को खेले गए तीन मैचों की वनडे सीरीज के अंतिम मुकाबले में भारत को पांच विकेट से हराकर सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप हासिल कर ली. भारत ने लोकेश राहुल (112) के करियर के पांचवें शतक की बदौलत सात विकेट पर 296 रन का स्कोर बनाया, जिसे न्यूजीलैंड ने 17 गेंद शेष रहते पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया. भारत को 14 साल बाद किसी द्विपक्षीय सीरीज में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा है. मेजबान न्यूजीलैंड की ओर से हेनरी निकोलस ने 80, मार्टिन गुप्टिल ने 66, कोलिन डी ग्रैंडहोम ने नाबाद 58 और टॉप लाथम ने 32 रनों की पारी खेली. भारत के लिए युजवेंद्र चहल ने तीन और शार्दूल ठाकुर तथा रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट लिए. लेकिन अब ये सवाल बड़ा हो गया है कि T20 सीरीज को 5-0 से जीतने के बाद टीम इंडिया को आखिर क्या हुआ कि सीरीज में उसका सूपड़ा साफ हो गया. आइए जानते हैं कि भारत ने सीरीज को 3-0 से क्यों गंवाया.
- सलामी जोड़ी का अभाव : वन डे सीरीज के लिए जब टीम का चयन हुआ था, जब भारतीय टीम में दो ओपनर शामिल थे, एक थे शिखर धवन और दूसरे थे रोहित शर्मा. इन दोनों ने भारत के लिए ओपनिंग करते हुए बहुत सारे मैच जीते हैं. सीरीज शुरू होने से पहले ही पहले शिखर धवन की चोट फिर से उभर आई, वहीं T20 सीरीज के आखिरी मैच में रोहित शर्मा भी चोटिल हो गए. इस तरह से दोनों सलामी बल्लेबाज टीम से बाहर हो गए. ऐसे में सारी जिम्मेदारी मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ पर आ गई. दोनों ने सीरीज के पहले मैच में ही अपने वन डे करियर का आगाज किया था, लेकिन दोनों तीनों मैचों में भारत को अच्छी शुरुआत दिलाने में नाकाम रहे. यही कारण रहा कि टीम इंडिया तीन के तीनों मैच हार गई.
- कप्तान विराट कोहली की नाकामी : जब सलामी जोड़ी नहीं चलती है तो तीसरे नंबर पर आकर विराट कोहली मोर्चा संभालते हैं, लेकिन सलामी जोड़ी तो नहीं ही चली, विराट कोहली का बल्ला भी पूरी सीरीज में खामोश रहा. तीनों मैचों के रनों को जोड़ दिया जाएगा तो विराट कोहली केवल 75 रन ही बना सके. इस तरह से करेला और नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ हो गई. आखिरी मैच में उम्मीद की जा रही थी कि विराट कोहली का बल्ला तो यहां चलेगा, लेकिन तीसरे मैच में भी विराट कोहली नौ रन की पारी खेलकर चलते बने.
- जसप्रीत बुमराह बेअसर : भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की मुख्य धुरी इस वक्त जसप्रीत बुमराह ही हैं. जब भी टीम संकट में होती है तो जसप्रीत बुमराह को बुलाया जाता है और वे विकेट भी लेते रहे हैं. लेकिन इस पूरी सीरीज में जसप्रीत बुमराह ने रन तो दिए ही साथ ही एक भी विकेट लेने में वे कामयाब नहीं हो सके. ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सीरीज में जसप्रीत बुमराह बिना विकेट के रहे हों. जब से वे चोट से उबर कर सामने आए हैं, तब से उनकी धार कहीं खो सी गई है.
- खराब फील्डिंग : टीम इंडिया के मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने तो अपना काम किया. और हर मैच में सम्मानजनक स्कोर भी बनाया, लेकिन गेंदबाज तो फेल रहे ही. जो कुछ मौके मिले भी, उन्हें फील्डरों ने छोड़ दिया. तीसरे मैच की ही बात करें तो टीम में 297 का बड़ा लक्ष्य न्यूजीलैंड को दिया था. लेकिन टीम ने खराब फील्डिंग की और कई कैच भी छोड़े, इसी का खामियाजा टीम इंडिया को सीरीज में सूपड़ा साफ करके भुगतनी पड़ी.
- कप्तान का रवैया : वन डे सीरीज में भारतीय कप्तान विराट कोहली का रवैया भी लापरवाही भरा रहा. जब टीम इंडिया ने दूसरा मैच गवां दिया था और सीरीज भी हार गई थी, तब अपनी गलतियों पर गौर करने के बजाय विराट कोहली ने यह कह दिया कि इस साल वन डे क्रिकेट का कोई खास महत्व नहीं है. इस साल और अगले साल T20 विश्व कप होने हैं, ऐसे में टीम का जोर उसी फार्मेट पर है. वहीं टेस्ट चैंपियनशिप भी चल रही है. ऐसे में टीम में इस तरह की भावना ही नहीं आ पाई कि तीसरा ही मैच कम से जीत लिया जाए और तीसरा मैच भी भारत हार गया.