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INDvAUS : पृथ्वी शॉ को वीरेंद्र सहवाग बनाने में हो गया कबाड़ा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया को तीसरे ही दिन बुरी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम इस मैच को आठ विकेट से जीत चुकी है. जब दूसरे दिन का खेल खत्म हुआ, तब टीम ड्राइविंग सीट पर बैठी थी.

Updated on: 19 Dec 2020, 01:48 PM

नई दिल्ली :

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया को तीसरे ही दिन बुरी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम इस मैच को आठ विकेट से जीत चुकी है. जब दूसरे दिन का खेल खत्म हुआ, तब टीम ड्राइविंग सीट पर बैठी थी, लेकिन तीसरे दिन की सुबह जो कुछ हुआ वो टीम इंडिया कभी नहीं चाहेगी कि ऐसा दिन हो.  इस कप्तान विराट कोहली से लेकर टीम के हेड कोच रवि शास्त्री तक पर सवाल उठ रहे हैं. टीम ने दूसरी पारी में बहुत खराब बल्लेबजी की और पूरी टीम 36 रन पर ही सिमट गई.  दूसरी पारी में सबसे ज्यादा रन मयंक अग्रवाल ने बनाए, जिनका स्कोर नौ रन था.  यानी कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी. 

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इस बीच सबसे ज्यादा सवाल पृथ्वी शॉ को खेलना पर उठ रहे हैं. पृथ्वी शॉ इस वक्त बहुत बुरे फार्म में चल रहे हैं, इसके बाद भी शुभमन गिल और केएल राहुल को बाहर बिठाकर पृथ्वी शॉ को मौका दिया गया. इस बीच क्रिकेट एक्सपर्ट जॉय  भट्टाचार्य ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में विरा कोहली, हेड कोच रवि शास्त्री और थिंक टैंक शायद इस बात पर अड़ गया कि पृथ्वी शॉ को ही ओपनिंग के लिए उतरा जाए. ये एक जुए की तरह था. टीम मैनेजमेंट ने शायद सोचा हो कि पृथ्वी शॉ तेजी से रन बना सकते हैं, जैसे साल 2003-04 में वीरेंद्र सहवाग ने किया था. लेकिन इस सभी को बॉम्बे लॉबी या फिर किसी भी ऐसी चीज के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ये बात उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखी है.  

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आपको बता दें कि आस्ट्रेलिया ने भारत को गुलाबी गेंद से डे-नाइट प्रारूप में खेले गए चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच के तीसरे दिन शनिवार को आठ विकेट से हरा दिया. मैच की चौथी पारी में आस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन बनाने थे जो उसने दो विकेट खोकर 21 ओवरों में बना लिए. इसी के साथ उसने सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है.

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आपको बता दें कि इससे पहले सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर ने भी पृथ्वी शॉ की तकनीक पर उठाए हैं. पृथ्वी शॉ मैच की पहली पारी में दूसरी गेंद खेल रहे थे और उन्होंने मिशेल स्टार्क की इनस्विंगर पर ड्राइव करने की कोशिश की, इस दौरान उनके बल्ले और पैड में गैप रहा और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा ले कर स्टम्प में जा लगी. मैच की दूसरी पारी में भी पृथ्वी शॉ इसी तरह से आउट हुए और उन्होंने चार ही रन बनाए. इससे पहले पृथ्वी शॉ दोनों अभ्यास मैच में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए थे. उन्होंने अभ्यास मैचों की चार पारियों में सिर्फ 62 रन बनाए. 

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पृथ्वी शॉ के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वे रन तो नहीं ही बना पा रहे हैं, साथ ही फील्डिंग में भी गड़बड़ी कर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों से शॉ लगातार विफल हो रहे हैं. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें कुछ मैचों के लिए अंतिम-11 से बाहर भी कर दिया था. दिल्ली के साथ अपनी आखिरी सात पारियों में शॉ तीन बार शून्य पर आउट हुए और सिर्फ एक बार ही दहाई के आंकड़े में पहुंच सके. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का कहना है कि मुझे लगता है कि आस्ट्रेलिया में समस्या यह है कि आप हर गेंद पर ड्राइव नहीं मार सकते क्योंकि गेंद वहां थोड़ा ज्यादा उछाल लेती है.