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IndiavsAustralia Day Night Test : पिंक बॉल टेस्ट के बारे में आप जो जानना चाहें, सारे सवाल और जवाब 

टीम इंडिया क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार डे नाइट टेस्ट खेलने के लिए तैयार है. इससे पहले टीम इंडिया ने केवल एक ही बार डे नाइट टेस्ट मैच खेला है. वो मैच साल 2019 नवंबर में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के इडन गार्डन में खेला था.

Updated on: 16 Dec 2020, 05:40 PM

नई दिल्ली :

टीम इंडिया क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार डे नाइट टेस्ट खेलने के लिए तैयार है. इससे पहले टीम इंडिया ने केवल एक ही बार डे नाइट टेस्ट मैच खेला है. वो मैच साल 2019 नवंबर में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के इडन गार्डन में खेला था. लेकिन भारतीय टीम पहली बार विदेशी जमीन पर पिंक बॉल टेस्ट खेलने उतर रही है. वो भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो पिंक बॉल टेस्ट की सबसे घातक टीम मानी जाती है. ऑस्ट्रेलिया ने ही सबसे ज्यादा डे नाइट टेस्ट खेले हैं और जीते भी हैं. 
आपको बता दें कि डे-नाइट टेस्ट का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है, लेकिन ऐसे कई क्रिकेट फैंस हैं जिन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. अगर आप भी डे-नाइट टेस्ट के इतिहास के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. आज हम आपको डे-नाइट टेस्ट से जुड़ी कई अहम बातें बताने जा रहे हैं. आईसीसी ने साल 2012 में ही डे नाइट टेस्ट खेलने की मंजूरी दी थी. अंतरराष्ट्रीय डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. पहला डे-नाइट (पिंक बॉल क्रिकेट) मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड के ओवल मैदान पर खेला था. इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 3 विकेट से हरा दिया था. इस एडिलेड मैदान पर भारतीय टीम अब डे नाइट टेस्ट खेलने जा रही है. 

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दूसरा डे नाइट मैच पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच साल 2016 में 13-17 अक्टूबर तक दुबई में खेला गया था, जहां पाकिस्तान ने 56 रनों से मैच जीता था. तीसरा मैच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच साल 2016 में 24 से 28 नवंबर के बीच खेला गया था, इसमें ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीत हासिल की थी. इसके बाद चौथा मैच साल 2016 में 15 से 19 दिसंबर तक ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच ब्रिस्बेन में खेला गया था, इसमें भी ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली थी. 5वां मैच साल 2017 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में बर्मिंघम में खेला गया था, यहां इंग्लैंड ने पारी और 209 रनों से जीत हासिल की थी. छठा मैच अक्टूबर 2017 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच दुबई में खेला गया था, यहां श्रीलंका ने पाकिस्तान को 68 रनों से हरा दिया था. 7वां मैच दिसंबर 2017 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एडिलेड में खेला गया और यहां भी ऑस्ट्रेलिया ने ही बाजी मारी.

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साल 2015 से लेकर अभी तक कुल 11 डे-नाइट टेस्ट खेले जा चुके हैं. जिनमें ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 5 मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है. गुलाबी गेंद से खेले गए मैच में सबसे बड़ी जीत इंग्लैंड को हासिल हुई है. साल 2017 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बर्मिंघम में खेला गया था, यहां इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को पारी और 209 रनों से हरा दिया था. 
यहां ये बात भी ध्यान देने वाली है कि भारत ने डे-नाइट फर्स्ट क्लास मैच का प्रयोग बहुत पहले कर लिया था, तब 1996-97 में मुंबई और दिल्ली के बीच रणजी ट्रॉफी का मुकाबला ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेली गया था और पहली पारी के आधार पर मुंबई ने जीत हासिल की थी. लेकिन उसके बाद भारत को इस तरफ देखने में काफी वक्त लग गया और 2016 में दलीप ट्रॉफी के मुकाबले डे नाइट फॉर्मेट में पिंक बॉल के साथ खेले गए लेकिन कुछ बड़े खिलाड़ियों के नेगेटिव फीड बैक के बाद बीसीसीआई ने अपने पैर पीछे खींच लिए थे.

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वैसे भारतीय बोर्ड हर नए प्रयोग को आसानी से नहीं अपनाता, चाहे टी-20 वर्ल्ड कप की बात हो जिसमें भारत ने सबसे आखिरी में साइन किए थे या फिर डीआरएस की बात जिसको लेकर पूर्व कप्तान धोनी बिलकुल भी तैयार नहीं थे. लेकिन विराट कोहली के आने के बाद भारत की सोच में बदलाव आया. भारत के सामने डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं और इसमें सबसे बड़ी चुनौती है पिंक बॉल. जिससे भारतीय खिलाड़ियों के पास ज्यादा अनुभव नही हैं.