Ind Vs Pak का फाइनल मुकाबला देखने के लिए हनीमून भी टाल देते हैं भारतीय

41 प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि भले ही नौकरी चली जाए लेकिन वो स्पोर्ट्स इवेंट का फाइनल नहीं छोड़ सकते.

41 प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि भले ही नौकरी चली जाए लेकिन वो स्पोर्ट्स इवेंट का फाइनल नहीं छोड़ सकते.

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Drigraj Madheshia
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Ind Vs Pak का फाइनल मुकाबला देखने के लिए हनीमून भी टाल देते हैं भारतीय

भारत में क्रिकेट धर्म है, इबादत है.( Photo Credit : GettyImages)

दुनिया में भले ही क्रिकेट एक खेल हो लेकिन भारत में यह धर्म है, इबादत है. क्रिकेट के प्रति दीवानगी का आलम ये है कि लोग अपनी नौकरी भी दांव पर लगा देते हैं. अगर मुकाबला फाइनल का हो और विपक्षी टीम पाकिस्‍तान हो तो, इस मुकाबले को देखने के लिए भारतीय क्रिकेट प्रेमी अपना हनीमून (honeymoon) भी टाल सकते हैं. सुनने में भले ही ये अजीब लगे, लेकिन ये बातें एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है.

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डिजिटल ट्रैवल प्लेटफॉर्म (Digital Travel Platform ) बुकिंग डॉट कॉम (Booking.com) की एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि अगर टीम इंडिया किसी बड़े टूर्नामेंट का फाइनल खेलने वाली हो तो 42 फीसदी भारतीय हनीमून भी टाल सकते हैं. 41 प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि भले ही नौकरी चली जाए लेकिन वो स्पोर्ट्स इवेंट का फाइनल नहीं छोड़ सकते.

यात्रा को लेकर भारतीयों के नजरिए पर की इस स्टडी में 2020 में भी भारतीयों के संभावित रुझान का जिक्र है. इस स्टडी के मुताबिक 2020 में यदि राष्ट्रीय टीम कोई बड़ा टूर्नामेंट या एथलीट किसी अहम इवेंट में हिस्सा लेते हैं तो 44 फीसदी भारतीय यह मौका नहीं छोड़ना चाहेंगे. वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 34 प्रतिशत ही है.

सबसे आगे क्रिकेट फैन्स

इस मामले में क्रिकेट फैन्स पहले और दूसरे नंबर पर फुटबॉल के प्रशंसक हैं. 88 फीसदी फैन्स अगले चार साल के मुकाबले देखने के इच्छुक हैं. वहीं, फुटबॉल फैन्स का प्रतिशत 79 है. 37 फीसदी भारतीयों ने बेझिझक माना कि परिवार के साथ छुट्टियां मनाने की बजाए वो स्पोर्ट्स इवेंट देखने को ज्यादा तवज्जो देना चाहेंगे.

शोध के मुताबिक भारतीय क्रिकेट फैन्स सबसे ज्यादा यात्रा करना पसंद करते हैं. क्रिकेट (86%), फुटबॉल (51%), टेनिस (31%), हॉकी (23%) और मोटर स्पोर्ट्स (18%) फैन्स ऐसे हैं, जो इन्हें देखने के लिए यात्रा करना पसंद करते हैं. स्टडी में 22,603 लोगों को शामिल किया गया.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

RESEARCH indvspak
      
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