भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस वक्त संकट में हैं. घरेलू हिंसा मामले में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. शमी इस वक्त वेस्टइंडीज में हैं, दौरा अब खत्म हो गया है, वे जल्द स्वदेश लौट सकते हैं, संभावना जताई जा रही है कि वे भारत लौटते ही सरेंडर कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
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दरअसल मोहम्मद शमी के खिलाफ पश्चिम बंगाल की अलिपुर कोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले में वारंट जारी किया है. इसके तहत मोहम्मद शमी को 15 दिन के भीतर अदालत के सामने पेश होना होगा. अदालत ने मोहम्मद शमी के साथ उनके भाई हसीद अहमद को भी अदालत के सामने पेश होने के लिए वारंट जारी किया है. मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने तेज गेंदबाज के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया है.
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बता दें कि कोलकाता पुलिस ने इसी साल मार्च में क्रिकेटर मोहम्मद शमी के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 498ए (घरेलू हिंसा), 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था. मोहम्मद शमी के खिलाफ यह आरोपपत्र उनकी पत्नी हसीन जहान द्वारा शिकायत दायर करने के एक साल बाद दाखिल किए गए हैं, जिसमें हसीन जहान ने शमी और उनके परिवार पर कई तरह के आरोप लगाए थे.
हसीन जहान ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिये शमी पर घरेलू हिंसा और कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया था.
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उधर मीडिया से बात करते हुए मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने कहा कि वह अल्लाह की शुक्रगुजार हैं कि मोहम्मद शमी पर जो भी आरोप लगाए थे वो सच साबित हुए हैं. वो खुलेआम मेरे जीवन में गंदगी फैला रहा था.
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उधर, इस पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कहा है कि शमी के खिलाफ बोर्ड तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा जब तक वो चार्जशीट नहीं देख लेता. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस मामले पर अभी कोई कार्रवाई करना जल्दबाजी होगी. अधिकारी ने कहा कि हां, हम जानते हैं कि गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है, लेकिन इस समय हम इस मामले में नहीं पड़ेंगे. एक बार हम चार्जशीट देख लें. इसके बाद हम फैसला लेंगे कि चीजें किस तरह से होंगी और अगर बीसीसीआई का संविधान कार्रवाई की इजाजत देता है तो करेंगे. लेकिन इस समय वह कुछ नहीं कह सकते.
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अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या शमी के खिलाफ 2018 में सीओए ने अनुबंध को रोक लेने की नीति अपनाई थी, क्या वही नीति इस बार भी अपनाई जाएगी तो अधिकारी ने कहा कि तब इस मामले का संबंध मैच फिक्सिंग से अधिक था जिसका आरोप उनकी पत्नी ने लगाया था. अधिकारी ने कहा कि वह अलग था. शमी पर उस समय यह आरोप थे कि वह मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं. इसलिए तब सीओए को लगा था कि भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के तत्कालीन अध्यक्ष नीरज कुमार का इस मामले को देखना उपयुक्त होगा. नीरज ने अपनी जांच में शमी को निर्दोष पाया था. इसके बाद उनका अनुबंध बहाल किया गया.
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उन्होंने कहा कि इस बार यह मामला घरेलू हिंसा का है. इस समय जो स्थिति है उसे देखते हुए उनका अनुबंध खत्म करने की जरूरत नहीं है. मुझे पूरी उम्मीद है कि शमी एक बार जब देश वापस आ जाएंगे, तब वो सभी जरूरी कदम उठाएंगे.
इनपुट ः एजेंसियां
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो