IND VS BAN : बांग्‍लादेश के 12 बल्‍लेबाजों ने किया भारतीय गेंदबाजों का मुकाबला, फिर भी फुस्‍स

बांग्लादेश की टीम पहले दिन शुक्रवार को पहली पारी में 30.3 ओवर में 106 रन पर आउट हो गई. मजे की बात यह रही कि क्रिकेट में वैसे तो 11 बल्‍लेबाज बल्‍लेबाजी करते हैं, लेकिन इस मैच में बांग्‍लादेश के 12 बल्‍लेबाज मैदान में उतरे और सभी ने बल्‍लेबाजी भी की.

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Pankaj Mishra
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भारतीय क्रिकेट टीम( Photo Credit : आईसीसी ट्वीटर)

India vs Bangladesh Second Test Kolkata  : बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ गुलाबी गेंद से खेले जा रहे दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन शुक्रवार को अपनी पहली पारी में 30.3 ओवर में 106 रन पर आउट हो गई. मजे की बात यह रही कि क्रिकेट में वैसे तो 11 बल्‍लेबाज बल्‍लेबाजी करते हैं, लेकिन इस मैच में बांग्‍लादेश के 12 बल्‍लेबाज मैदान में उतरे और सभी ने बल्‍लेबाजी भी की. इसके बाद भी पूरी टीम 106 रन ही बना सकी. इससे अच्‍छी बल्‍लेबाजी को बांग्‍लादेश ने पहले टेस्‍ट में की थी, जब पहली पारी में उसने 150 रन का ठीकठाक स्‍कोर खड़ा किया गया था. हालत यह थी कि बांग्लादेश के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे. इनमें लिटन दास भी शामिल हैं, जो 24 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हो गए. उनकी जगह मेहदी हसन सिर में चोट लगने पर स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे. भारत की तरफ से इशांत शर्मा ने 22 रन देकर पांच, उमेश यादव ने 29 रन देकर तीन और मोहम्मद शमी ने 36 रन देकर दो विकेट लिए. 

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दरअसल बांग्‍लादेश के बल्‍लेबाज लिटन दास ठीकठाक बल्‍लेबाजी कर रहे थे, वे 24 रन बना चुके थे, तभी मोहम्‍मद शमी की एक बाउंसर लिटन दास के सिर में लगी. इससे लिटन दास चोटिल हो गए. कुछ देर तक तो लिटन दास बल्‍लेबाजी करते रहे, लेकिन बाद में उन्‍हें पवेलियन वापस जाना पड़ा और उनकी जगह मेहदी हसन बल्‍लेबाजी के लिए आए. पहले अगर कोई बल्‍लेबाज घायल होकर वापस जाता था तो कोई भी खिलाड़ी बल्‍लेबाजी नहीं कर सकता था, वह सिर्फ फील्‍डिंग करता था, लेकिन अब नियम बदल गए हैं.

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अब आपको बताते हैं कि यह सब किस नियम के अनुसार हुआ. आईसीसी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस नियम को लागू किया है कि सिर या इसके आसपास गेंद लगती है और खिलाड़ी को बेचेनी या बेहोशी की शिकायत होती है तो वे बाकी मैच के लिए 12वें खिलाड़ी को खिला सकते हैं. नियम के मुताबिक जो खिलाड़ी आउट हुआ है, वह बल्‍लेबाजी करता है या फिर गेंदबाजी, जो काम टीम के लिए घायल खिलाड़ी करता है, उसी विधा का खिलाड़ी शामिल किया जा सकता है. इसी नियम के तहत बांग्‍लादेश के 12 बल्‍लेबाजों को बल्‍लेबाजी का मौका दिया गया.

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इससे पहले भी भारत और वेस्‍टइंडीज सीरीज के दौरान ऐसा ही एक वाकया पेश आया था. उस टेस्‍ट मैच की चौथी पारी में वेस्‍टइंडीज के बल्‍लेबाज डेरेन ब्रावो को इशांत शर्मा की फेंकी गई एक गेंद सीधे उनके हेलमेट में लगी. तीसरे दिन का खेल खत्‍म होने में कुछ ही देर शेष था, लिहाजा ब्रावो बल्‍लेबाजी करते रहे और दिन का खेल खत्‍म हो गया. चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तो वे फिर से बल्‍लेबाजी के लिए मैदान में आए. वे अभी कुछ ही गेंदें खेल पाए थे कि ब्रावो की तबीयत खराब होने लगी और चक्‍कर आ गए. इसके बाद फीजियो मैदान में पहुंचे और उनकी हालत को देखते हुए रिटायर्ड हर्ट हो गए. कुछ देर बाद ऐलान किया गया कि डेरेन ब्रावो रिटायर्ड हर्ट हो गए हैं, उनकी जगह पर स्‍थापन्‍न खिलाड़ी के तौर पर जेर्मेन ब्‍लैकवुड बल्‍लेबाजी करेंगे. इसके कुछ ही देर बाद वेस्‍टइंडीज ने चौथा विकेट भी गवां दिया. इसके बाद सातवें नंबर पर बल्‍लेबाजी के लिए ब्‍लैकवुड मैदान में उतरे. हालांकि वे भी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके और 72 गेंदों में 38 रन बनाकर आउट हो गए. उन्‍हें बुमराह की गेंद पर विकेट के पीछे ऋषभ पंत ने कैच आउट किया.

Source : Pankaj Mishra

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