BCCI को मिली बड़ी जीत, ICC ने भारत के खिलाफ पीसीबी के मुआवजे का दावा खारिज किया, जानिए पूरा मामला

भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने को लेकर चल रहे विवाद पर आईसीसी निवारण पैनल ने मंगलवार को बीसीसीआई के खिलाफ पीसीबी के मुआवजे के दावे को खारिज कर दिया.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
BCCI को मिली बड़ी जीत, ICC ने भारत के खिलाफ पीसीबी के मुआवजे का दावा खारिज किया, जानिए पूरा मामला

बीसीसीआई और पीसीबी का लोगो (फाइल फोटो)

भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं होने को लेकर चल रहे विवाद पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) निवारण पैनल ने मंगलवार को बीसीसीआई के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के मुआवजे के दावे को खारिज कर दिया. इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत बीसीसीआई की बड़ी जीत के साथ हुआ. पाकिस्तान ने द्विपक्षीय सीरीज समझौते को लागू नहीं करने के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर 7 करोड़ डॉलर का मुआवजा राशि का दावा किया था. इसी मुद्दे को लेकर आईसीसी पैनल की सुनवाई 1-3 अक्टूबर तक हुई थी.

Advertisment

आईसीसी की विवाद निवारण पैनल द्वारा इस मामले को यह कहकर खारिज किया गया कि यह निर्णय उचित और अपील के योग्य नहीं था. आईसीसी के इस फैसले पर पीसीबी ने निराशा जताई है.

आईसीसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर पोस्ट पर लिखा, 'विवाद निवारण पैनल ने बीसीसीआई के खिलाफ पाकिस्तान के मामले को खारिज कर दिया है.' आईसीसी ने संक्षिप्त बयान में कहा, 'यह फैसला बाध्यकारी होगी और इसके खिलाफ अपनी नहीं की जा सकती.'

पीसीबी ने बीसीसीआई पर एमओयू का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए 447 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी.

जानिए क्या था पूरा विवाद

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का कहना था कि दोनों क्रिकेट बोर्ड (भारत-पाकिस्तान) के बीच 2015 से लेकर 2023 के बीच 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने को लेकर समझौता हुआ था. यह समझौता 2014 में हुआ था, उस वक्त बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव संजय पटेल ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.

पीसीबी के अनुसार, इसमें से चार सीरीज की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी. छह दौरों में 14 टेस्ट, 30 वनडे और 12 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच सहित 56 मैच शामिल थे. इस समझौते से इनकार करने के लिए पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ 7 करोड़ अमेरिकी डॉलर के मुआवजे का दावा ठोका था.

वहीं बीसीसीआई का कहना था कि यह अनुबंध उसके लिए बाध्यकारी नहीं है क्योंकि पीसीबी ने बीसीसीआई के 'बिग थ्री' राजस्व वितरण मॉडल का समर्थन नहीं किया था जहां भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को मुनाफे का अधिक हिस्सा मिलना था.

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, 'पीसीबी को एक पैसा देने का भी सवाल नहीं उठता. वे अपने वादे से पीछे हट गए. यह करार हमारे राजस्व माडल को उनके समर्थन पर आधारित था.'

और पढ़ें : PAK vs NZ Test: भारत में जन्‍मे एजाज पटेल पाकिस्तान को रौंदा, न्यूजीलैंड ने 4 रन से जीता मैच

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने साथ ही कहा था कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट के लिए सरकार से स्वीकृति की जरूरत पड़ती है जो 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद से नहीं मिल रही.

पीसीबी के कई अधिकारियों का मानना है कि बीसीसीआई ने सरकार को मनाने का पर्याप्त इरादा नहीं दिखाया जिसके कारण 2007 से दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज नहीं हुई. बता दें कि मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति काफी संवेदनशील है.

COA विनोद राय ने जताई खुशी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी (सीओए) विनोद राय ने कहा, 'हमें खुशी है कि हमारा रुख सही साबित हुआ. पीसीबी जिसे एमओयू कह रहा है वह असल में प्रस्ताव पत्र है.' उन्होंने कहा, 'मैं बीसीसीआई की विधि टीम के अलावा प्रत्येक उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस मामले पर काम किया.'

राय ने कहा कि बीसीसीआई अब पाकिस्तान के खिलाफ मुआवजे का मामला दायर करेगा और मध्यस्थता मामले पर हुए खर्च की भरपाई की मांग करेगा. उन्होंने कहा, 'हम पैनल के सामने प्रस्तुतिकरण रखेंगे और मांग रखने की मध्यस्थता के इस मामले का पूरा खर्चा पीसीबी उठाए.'

और पढ़ें :  IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मजबूत शुरुआत करने उतरेगा भारत, देखें क्या कहता है इतिहास

यह मुद्दा 2014 से चल रहा है जब बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव संजय पटेल ने 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के लिए एक पन्ने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे जिसे बीसीसीआई ने हमेशा 'प्रस्ताव पत्र' कहा.

पहली प्रस्तावित श्रृंखला नवंबर 2015 में यूएई में होनी थी लेकिन बीसीसीआई को सरकार से स्वीकृति नहीं मिली. पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए सरकार से स्वीकृति लेना अनिवार्य है. पीसीबी ने इस श्रृंखला से मिलने वाले टीवी राजस्व गंवाने के कारण मुआवजे का मामला डाला था.

और पढ़ें :  India vs Australia: बुधवार को खेला जाएगा पहला T20, इन खिलाड़ियों पर होगी नज़र

पूर्व विदेशी मंत्री सलमान खुर्शीद उन व्यक्तियों में शामिल रहे जिनसे सुनवाई के दौरान जिरह हुई. बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खुर्शीद ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने के इनकार करने के भारत के रुख को उचित ठहराया था.

राय ने सुनवाई के दौरा गवाही के लिए खुर्शीद का भी आभार जताया. उन्होंने कहा, 'मध्यस्थता मामले में खुर्शीद और सुंदर रमन की गवाही ने हमारे पक्ष को मजबूत किया.' रमन उस समय आईपीएल के सीओओ थे.

Source : News Nation Bureau

Cricket क्रिकेट India vs Pakistan पीसीबी Vinod Rai ICC international cricket council आईसीसी pakistan Bcci Pcb Dispute bcci भारत पाकिस्तान India Pakistan Bilateral Series
      
Advertisment