भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कभी भी सीरीज नहीं जीती है, लेकिन कोच रवि शास्त्री अगामी दौरे पर इतिहास बदलने को लेकर आश्वस्त हैं। भारतीय टीम इस समय बेहतरीन फॉर्म में है और इस साल वह एक भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं हारी है।
शास्त्री ने कहा, 'अगले महीने से शुरू होने वाले दौरे पर हमारी मानसिकता में कोई बदलाव नहीं होगा। हमारे लिए सभी विपक्षी टीमें एक समान हैं। हम हर विपक्षी टीम का सम्मान करते हैं और हर मैच हमारा घरेलू मैच होता है।'
शास्त्री ने एक समाचार चैनल से कहा, 'अगला दौरा दक्षिण अफ्रीका का है, जहां हम एक भी सीरीज नहीं जीते हैं। यहां हमारी टीम के पास कुछ अलग करने का बेहतरीन मौका है।'
उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है। हम वहां जा रहे हैं और हम दक्षिण अफ्रीका को अन्य टीमों की तरह ही समझेंगे। हां, हम उनका सम्मान करेंगे, लेकिन हम वहां जीतने के लिए जा रहे हैं।'
शास्त्री ने उन पूर्व खिलाड़ियों को भी आड़े हाथों लिया जिन्होंने महेंद्र सिंह धौनी की हाल ही में आलोचना की थी और उनकी सीमित ओवरों की टीम में स्थान को लेकर सवाल उठाए थे। शास्त्री का मानना है कि धौनी अपने से 10 साल जूनियर खिलाड़ी से भी ज्यादा फिट हैं।
उन्होंने कहा, 'हम बेवकूफ नहीं हैं। मैं पिछले 30-40 साल से इस खेल को देख रहा हूं। विराट एक दशक से इस टीम का हिस्सा हैं। हम जानते हैं कि इस उम्र में वह 26 साल के खिलाड़ी को भी मात दे सकते हैं। लोग अपने खेल के बारे में भूल गए हैं। अगर वो शीशे में अपने आप को देखेंगे तो उन्हें पूछना चाहिए कि वह 36 साल की उम्र में क्या थे? क्या वो दो रन तेजी से भाग सकते थे? जितने समय में वो दो रन लेते थे, धोनी उतनी देर में तीन रन ले लेते हैं। उन्होंने दो विश्व कप जीते हैं और 51 का औसत है। आज तक आपके पास वनडे टीम में उनका स्थान लेने वाला विकेटकीपर नहीं है।'
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'वह अभी भी सर्वश्रेष्ठ हैं, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में। आप जो कुछ चीजें उनमें देखेंगे आपको वो किसी और में नहीं मिलेंगी।'
और पढ़ें: पाकिस्तान की चाल, मुलाकात के बाद जाधव का एक और 'कबूलनामा' वीडियो जारी
कोच ने कहा, 'वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलते हैं, इसलिए उन्हें 2019 विश्व कप तक ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलनी चाहिए।' विराट कोहली की कप्तानी पर शास्त्री ने कहा कि उनके काम करने का तरीका दूसरे खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने कहा, 'विराट में जो सबसे अच्छी बात है वो उनका काम करने का तरीका। वह जानते हैं कि उन्हें किस तरह का खिलाड़ी बनना है और उसके लिए उन्हें क्या करना है। इसलिए उनका जोर फिटनेस पर होता है, वह काफी बलिदान देते हैं। 29 साल का होने के नाते भी वह काफी कुछ करना चाहते हैं और यह उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है।'
और पढ़ें: पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में पत्नी और मां से मिले कुलभूषण जाधव
उन्होंने कहा, 'जब आपके पास इस तरह का कप्तान होता है जो काफी कुछ हासिल करना चाहता है और उसके सपने भी देखता है तो इसका असर दूसरे खिलाड़ियों पर भी पड़ता है। दूसरे भी वैसा ही करना चाहते हैं। वह अपने लिए उच्च पैमाने तय करना चाहते हैं और बहानों को नापसंद करते हैं।'
Source : IANS