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IND vs NZ : हार के बाद विराट कोहली क्‍यों कहा- सच्‍चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते

निराश भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने सोमवार को स्वीकार किया कि दो टेस्ट की सीरीज में न्यूजीलैंड (India vs New Zealand Series) ने उनकी टीम को ‘पूरी तरह से पछाड़ दिया’ और वे इस सच्चाई से मुंह नहीं फेर सकते.

Updated on: 02 Mar 2020, 01:06 PM

Christchurch:

निराश भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने सोमवार को स्वीकार किया कि दो टेस्ट की सीरीज में न्यूजीलैंड (India vs New Zealand Series) ने उनकी टीम को ‘पूरी तरह से पछाड़ दिया’ और वे इस सच्चाई से मुंह नहीं फेर सकते कि प्रतिकूल हालात में ‘पर्याप्त साहस नहीं दिखा सके’. दो टेस्ट की सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से नाकाम रहा और कप्तान विराट कोहली (Captain Virat Kohli) ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण समय की कमी के बावजूद टीम प्रबंधन को इसका हल ढूंढना होगा.

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विराट कोहली ने दूसरे टेस्ट में सात विकेट की हार के बाद कहा, बेशक इस सीरीज में हम जिस तरह खेले उसे लेकर काफी निराश हैं. मेरा मानना है कि इस सीरीज में हमें पूरी तरह से पछाड़ दिया गया. उन्होंने कहा, बेशक हम टीम के रूप में वैसा क्रिकेट नहीं खेल पाए जैसा खेलते हैं. यहां से हम यह सबक लेंगे कि जो चीजें गलत हुई हैं उनसे भागना नहीं है और इसकी जगह उनका हल निकालना है और सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ना. यह पूछने पर कि असल में क्या गलत हुआ तो विराट कोहली ने कहा कि प्रतिकूल हालात में सीरीज को लेकर नजरिया आदर्श नहीं था. विराट कोहली ने कहा, जहां तक मेरा सवाल है और जहां तक मैंने चीजों को देखा, मुझे लगता है कि इस सीरीज को लेकर हमारा नजरिया आदर्श नहीं था. हम पर्याप्त सकारात्मक नहीं थे. कई मौकों पर हमने पर्याप्त साहस नहीं दिखाया जो हमने अतीत में किया है. सामान्य सी बात है कि आपका कौशल आपकी मानसिकता के अनुसार काम करता है. 

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विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में हार और फिर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय तथा टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप के बावजूद विराट कोहली को पसंद नहीं है कि कोई यह कहे कि भारत को इस टीम के खिलाफ परेशानी होती है. भारतीय कप्तान ने टी20 सीरीज में 5-0 की जीत के संदर्भ में कहा, मुझे यकीन है कि दौरे के पहले हाफ में कोई ऐसा नहीं कह रहा होगा. उन्होंने कहा, सिर्फ एक टेस्ट सीरीज में हार या सेमीफाइनल में हार के बाद आप यह नहीं कह सकते कि किसी टीम के खिलाफ परेशानी होती है. उस दिन उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और इस टेस्ट सीरीज में भी और इसे स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है.

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इतने अधिक क्रिकेट के बीच क्या टीम के पास गलतियों में सुधार करने का पर्याप्त समय है, यह पूछने पर कोहली ने कहा, इसे देखने के दो तरीके हैं. मैं मैचों के बीच काफी अधिक समय इंतजार करने की जगह यह पसंद करूंगा कि क्रीज पर उतर कर खामियों को दूर करने का प्रयास करूं जिससे कि पता कर सकूं कि कमियां दूर हुई हैं या नहीं.उन्होंने कहा, काफी क्रिकेट खेलने का फायदा यह है कि अगर आप किसी चीज पर काम कर रहे हैं तो आपके पास इसे परखने के लिए काफी मैच होते हैं. यह इस पर निर्भर करता है कि आप चीजों को कैसे देख रहे हैं. जैसा कि मैंने कहा, इसमें संतुलन की जरूरत है. आपको इस बारे में बहुत अधिक भी नहीं सोचना चाहिए और इसे नजरअंदाज भी नहीं करना चाहिए. यह अलग लोगों पर अलग तरीके से काम करता है.