विदेशी जमीन पर भारत सीरीज जीतने में एक बार फिर असफल हो गया। टीम इंडिया (Team India) इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 3-1 से हार गई है। अब सीरीज का आखिरी टेस्ट महज औपचारिकता बन कर रह गई है। चौथे टेस्ट में कप्तान विराट कोहली (58) और अजिंक्य रहाणे (51) की शानदार पारियों के बावजूद भारत को 60 रनों से हर का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की ओर से दिए गए 245 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पूरी टीम 184 रनों पर सिमट गई।
सीरीज हारने के बाद फैन्स से लेकर क्रिकेट जगत की कई बड़ी हस्तियों ने टीम इंडिया की हार का विशलेषन अपने-अपने तरीके से किया है। आइए हम भी आपको
चौथे टेस्ट में टीम इंडिया के हार की वजहों के बारे में बताते हैं। ये वह गलतियां हैं जिसकी वजह से 'विराट एंड कंपनी' ने सीरीज गंवाई है।
1-सलामी बल्लेबाजी रही असफल-भारत के सलामी बल्लेबाज इस पूरी सीरीज में एक-आध मौकों को छोड़ कर कभी भी अच्छी शुरुआत देने में असफल रहे। शिखर
धवन, मुरली विजय और केएल राहुल पूरी सीरीज में असफल रहे। तीनों ने चार टेस्ट मैचों में अब तक एक भी अर्धशतक नहीं बनाया। तीसरे टेस्ट में धवन-राहुल में
60 रन की साझेदारी हुई तो भारत को अच्छी शुरुआत मिली और नतीजतन भारत ने वह मैच जीता था।
2-विराट और चेतेश्वर पुजारा के अलावा हर बल्लेबाज रहा असफल- पूरी सीरीज में भारत के कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के अलावा कोई भी बल्लेबाज
रन बनाने में कामयाब नहीं हुआ है। विराट ने 68 की बल्लेबाजी औसत से 4 टेस्ट में अब तक 544 रन बनाए हैं। वहीं पुजारा ने 48 की औसत से अव तक रन
बनाए हैं। इन दोनों के अलावा कोई भी बल्लेबाज इंग्लैंड की गेंदबाजी के सामने सही से टिककर खेलने में असफल रहा।
3-मीडिल ऑर्डर का फ्लॉप शो जारी-भारत के मीडिल ऑर्डर बल्लेबाजी और इंग्लैंड के मीडिल ऑर्डर बल्लेबाजी की बात करें तो कोई तुलना ही नहीं दिखाई पड़ती है।
इंग्लैंड की तरफ से सैम कुरियन और क्रिस वोक्स ने तब रन बनाए जब टॉप ऑर्डर बल्लेबाजी सस्ते में आउट हो गए। इसके उलट भारत के मीडिल ऑर्डर बल्लेबाजों
ने हर बार निराश किया। वह किसी भी मैच का रुख बदलने में कामयाब नहीं हुए।
4-खराब टीम चयन हार की एक बड़ी वजह- विराट कोहली के टीम चयन पर अक्सर सवाल उठते हैं। इस सीरीज हार के बाद भी सवाल उठने लगे हैं। कई मौकों पर
सही खिलाड़ी की टीम में जगह न मिल पाने की वजह से टीम को उसकी कमी खली। चेतेश्वर पुजारा को पहले टेस्ट में बाहर रखना एक ऐसा ही डीसिजन था। दूसरे
ट्सेट में पिच फास्ट बॉलर्स के लिए मददगार थी तब भी भारत एक अतिरिक्त स्पिनर के साथ खेलने उतरी।
5-अश्विन की खराब गेंदबाजी- चौथे टेस्ट में अश्विन कभी भी फॉर्म में नहीं दिखे। वहीं उसी पिच पर इंग्लैंड के स्पीनर मोइन अली जब विकेट पर विकेट चटकाए जा रहे थे तब भारत का यह गेंदबाज विकेट लेने में असफल रहा।
6-विकेटकीपर बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन- भारत और इंग्लैंड के विकेकीपर बल्लेबाजों के प्रदर्शन ने भी हार-जीत तय करने में एक अहम भूमिका निभाया। जहां भारत के श्रृषभ पंत और दिनेश कार्तिक रन बनाने में कामयाब नहीं हुए तो वहीं इंग्लैंड के जॉनी ब्रेस्टो और जॉस बटलर ने हर मौके पर टीम के लिए रन बनाए।
7-जीत के लिए जूझते नहीं दिखे खिलाड़ी- इस सीरीज में कई ऐसे मौके आए जब भारत आसानी से जीत दर्ज कर सकता था। पहले टेस्ट में भारत एक मामलू टारगेट नहीं चेस कर पाया। उसी टेस्ट में इंग्लैंड दूसरी पारी में 87/7 था जब शिखर धवन ने अदिल राशिद का कैच ड्रॉप कर दिया और इंग्लैंड ने मैच में वापसी कर ली।
Source : News Nation Bureau