IND vs AUS: पुणे टेस्ट से पहले बोले विराट कोहली, हमें उकसाया तो हम भी चुपचाप नहीं बैठेंगे

विश्व की नंबर एक और दो टीमें क्रिकेट में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए कल पुणे के मैदान पर उतरेंगी। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन में खेले जाने वाले टेस्ट से पहले भारतीय टीम कप्तान टीम प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से रुबरु हुए

विश्व की नंबर एक और दो टीमें क्रिकेट में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए कल पुणे के मैदान पर उतरेंगी। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन में खेले जाने वाले टेस्ट से पहले भारतीय टीम कप्तान टीम प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से रुबरु हुए

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Soumya Tiwari
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IND vs AUS: पुणे टेस्ट से पहले बोले विराट कोहली, हमें उकसाया तो हम भी चुपचाप नहीं बैठेंगे

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 23 फरवरी से शुरु हो रही है बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी। विश्व की नंबर एक और दो टीमें क्रिकेट में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए कल पुणे के मैदान पर उतरेंगी। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन में खेले जाने वाले टेस्ट से पहले भारतीय टीम कप्तान टीम प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से रुबरु हुए।

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टीम इंडिया गुरूवार को विराट कोहली की अगुवाई में कंगारू टीम से चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच खेलने उतरेगी। दोनों ही टीमें काफी अच्छे फार्म में हैं इसलिए मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। मैच से एक दिन पहले मीडिया से बात करते हुए कोहली ने टीम, टीम की रणनीति और खुद की कप्तानी के बारे में खुलकर बात की।

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हमें कंगारुओं की ताकत और कमजोरी से वाकिफ

सीरीज से पहले विराट ने कहा कि वो ऑस्ट्रेलिया की खूबियों और खामियों के बार में अच्छे से जानते हैं। विराट स्लेजिंग के लिए मशहूर कंगारू टीम के बारे में वो ज्यादा नहीं सोचते और अपना खेल पर ध्यान देना चाहते हैं।

हमें उकसाया तो हम भी नहीं छोड़ेंगे

विराट कोहली ने आगामी टेस्ट सीरीज में स्लेजिंग के मुद्दे पर भी पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'हम शुरूआत नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमें उकसाया जाएगा तो हम चुपचाप भी नहीं बैठेंगे।'

खुद से ज्यादा टीम के अच्छे प्रदर्शन पर ध्यान

विराट कोहली ने खुद के आंकलन के बारे में कहा, 'मैं हर सीरीज के बाद खुद का आकंलन नहीं करता हूं। मेरी प्राथमिकता यह रहती है कि मैं टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करूं और टीम भी बेहतर क्रिकेट खेले। हर खिलाड़ी देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता है। मैं कप्तानी के बारे में ज्यादा नहीं सोचता हूं, यदि टीम जीतती है तो कप्तानी अच्छी मानी जाती है, लेकिन यदि टीम हार जाए तो कप्तानी की आलोचना होती है।'

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22 साल की उम्र में मांगते थे 35 साल की मैच्योरिटी

उन्होने ये भी कहा कि अब मैं परिपक्व हो गया हूं खिलाड़ी के तौर पर, लोग चाहते थे कि मैं 35 साल तरह पेश आऊं जबकि मेरी उम्र केवल 22 थी, अब मैं अधिक गंभीर हूं, इसे तो आप लोग भी महसूस करते होंगे।

Source : News Nation Bureau

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