शार्दुल ठाकुर के कोच ने खोला ब्रिस्बेन में खेली गई शानदार पारी पर बड़ा राज़
शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की पहली पारी में तीसरे दिन 67 रनों की पारी खेली थी
नई दिल्ली:
प्रथम श्रेणी में पिछले आठ सीजन के 62 मैचों में शार्दूल ठाकुर ने केवल छह अर्धशतक लगाए थे. उनका सातवां अर्धशतक ऐसे में समय में निकला, जब ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट में टीम इंडिया की नैया डूबती जा रही थी. ठाकुर ने अपने केवल दूसरे ही टेस्ट में ऐसी पारी खेली, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है. ठाकुर ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट झटके और जब बल्लेबाजी में बारी आई तो उन्होंने 115 गेंदों पर 67 रनों की ऐसी पारी खेली, जिसके दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया.
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मुंबई में ठाकुर को उनके स्कूल के दिनों में प्रशिक्षण देने वाले दिनेश लाड ने आईएएनएस से कहा कई सारे प्रथम श्रेणी मैच और इंडिया-ए के लिए खेलने से उन्हें फायदा हुआ है. उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और जब आप प्रथम श्रेणी से टेस्ट क्रिकेट में छलांग लगाते हैं, तो आगे बढ़ने की आपकी इच्छा होती है. ठाकुर मुंबई से तीन घंटे की दूरी पालघर में रहते हैं. दूरी के कारण अपने शुरुआती दिनों में वह लाड के घर पर रुकते थे. वह उसी स्कूल में पढ़े बढ़े हैं, जिस स्कूल में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और लाड के बेटे पढ़े थे.
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उन्होंने कहा यह उनका स्वभाविक बल्लेबाजी करने की शैली है. जब मैंने उन्हें पहली बार स्कूल मैच में खेलते हुए देखा था तो उन्होंने 78 रन बनाने के अलावा पांच विकेट भी लिए थे. वह उनकी आक्रामक पारी थी. लेकिन ब्रिस्बेन में खेली गई उनकी पारी में मुझे धैर्य देखने को मिला. आमतौर पर वह आक्रामक बल्लेबाजी करते हैं. ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने यहां के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया.
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