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Ind Vs Aus: टीम इंडिया को खल रही है धोनी की कमी, पढ़िए किसने बोली ये बात

टीम इंडिया को पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है लेकिन अब वो 29 नवंबर को दूसरे वनडे के लिए तैयार है. हालांकि पहले वनडे में सिडनी में टीम इंडिया से एक नहीं बल्कि काफी सारी गलतियां हुई है.

Updated on: 28 Nov 2020, 08:02 PM

नई दिल्ली:

टीम इंडिया (Team India) को पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है लेकिन अब वो 29 नवंबर को दूसरे वनडे के लिए तैयार है. हालांकि पहले वनडे में सिडनी में टीम इंडिया से एक नहीं बल्कि काफी सारी गलतियां हुई है. काफी सारे एक्सपर्ट ये बोल चुके थे कि एम एस धोनी (Ms Dhoni) की कमी टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के मैदानों पर खल रही है. अब वेस्ट इंडीज के दिग्गज ने भी ये बात बोली है.

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वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का मानना है कि सितारों से सजे बल्लेबाजी क्रम के बावजूद भारतीय टीम को महेंद्र सिंह धोनी के ‘कौशल और रवैये’ की कमी खल रही है जो बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए काफी काम आते थे. ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे मैच में भारत को 66 रन से हराया है. होल्डिंग ने यूट्यूब चैट शो होल्डिंग नथिंग बैक में कहा भारत के लिये लक्ष्य का पीछा करना कठिन था. भारत को महेंद्र सिंह धोनी की कमी खली. उन्होंने कहा धोनी आम तौर पर बल्लेबाजी क्रम में निचले हाफ में उतरते हैं और लक्ष्य का पीछा करते हुए नियंत्रण बना लेते हैं. उनके टीम में रहते भारत ने अतीत में लक्ष्य का बखूबी पीछा किया है. 

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माइकल होल्डिंग ने कहा कि भारत के पास काफी प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं जो स्ट्रोक्स खेलने में माहिर है. हार्दिक ने शानदार पारी खेली किन फिर भी भारत को धोनी जैसे खिलाड़ी की जरूरत थी. सिर्फ कौशल ही नहीं बल्कि रवैये के मामले में भी. होल्डिंग ने कहा कि भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी के रहते आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहती थी. उन्होंने कहा वे टॉस जीतकर फील्डिंग से नहीं डरते थे क्योंकि उन्हें पता था कि एम एस धोनी क्या कर सकता है और उनके बल्लेबाज कितने सक्षम हैं.

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कैरेबियाई के पूर्व तेज गेंदबाद मे कहा कि लक्ष्य का पीछा करते समय धोनी कभी घबराते नहीं थे. उन्हें अपनी क्षमता का पता था और वे विचलित नहीं होते थे. जो भी साथ में बल्लेबाजी करता था वह उससे बात करते रहते और उसकी मदद करते थे. भारत का बल्लेबाजी क्रम शानदार है लेकिन लक्ष्य का पीछा करने में धोनी की बात ही अलग थी. इसके अलावा होल्डिंग ने एससीजी बड़ा मैदान है लेकिन भारतीयों की फील्डिंग बेहद औसत रही अगर धोनी होते तो शायद इस तरह की फील्डिंग नहीं लगाते.

 

(इनपुट एजेंसी भाषा के साथ)