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IND vs AUS : श्रेयस अय्यर के लिए ऑस्‍ट्रेलिया ने बनाई खास रणनीति, इससे हुए खुश 

भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्‍ट्रेलिया में अपने पहले दोनों वन डे मैच हार गई है. इसके साथ ही टीम इंडिया सीरीज भी हार चुकी है. हालांकि अभी तीसरा मैच बाकी है. देखना होगा कि इसमें क्‍या होता है.

Updated on: 01 Dec 2020, 03:59 PM

नई दिल्‍ली :

भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्‍ट्रेलिया में अपने पहले दोनों वन डे मैच हार गई है. इसके साथ ही टीम इंडिया सीरीज भी हार चुकी है. हालांकि अभी तीसरा मैच बाकी है. देखना होगा कि इसमें क्‍या होता है.  इस बीच दो मैचों में साफ पता चल रहा है कि ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने भारतीय बल्‍लेबाजों और गेंदबाजों के लिए खास तरह की रणनीति बनाई है और भारतीय खिलाड़ी इसमें फंसते चले गए. इसमें एक नाम श्रेयस अय्यर का भी है. लेकिन श्रेयस अय्यर इस बात से खुश हैं कि उनके लिए ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने रणनीति बनाई. इसके साथ ही भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई टीम के शॉर्ट गेंदबाजी करने की रणनीति बनाने से अभिभूत हैं. उन्होंने कहा कि आक्रामक रवैया अपनाकर पलटवार करके और क्षेत्ररक्षण का फायदा उठाकर वह इससे निपट सकते हैं. जोश हेजलवुड ने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में श्रेयस अय्यर को बाउंसर पर पवेलियन भेजा, जबकि दूसरे मैच में उन्होंने बेहतर बल्लेबाजी करते हुए 36 गेंद में 38 रन की पारी खेली. घरेलू टीम के श्रेयस अय्यर को शॉर्ट गेंदबाजी से निशाना बनाने की रणनीति के बारे में पूछने पर श्रेयस अय्यर ने तीसरे और अंतिम वनडे से पहले कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि उन्होंने मेरे खिलाफ रणनीति बनाई है. 

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श्रेयस अय्यर ने कहा कि मैं अभिभूत महसूस कर रहा हूं और इसे चुनौती की तरह ले रहा हूं. लेकिन मैं दबाव में अच्छा प्रदर्शन करता हूं और यह मुझे उनके खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा. मुझे लगता है कि शॉर्ट लेग और लेग गली फायदा उठाया जा सकता है और अधिक रन बनाए जा सकते हैं. भारत के चौथे नंबर के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने कहा कि शॉर्ट गेंदबाजी का सामना करना मानसिकता और नेट पर बल्लेबाजी करते हुए थोड़े बदलाव से जुड़ा है. उन्होंने कहा, यह आपकी मानसिकता से जुड़ा है जिसमें थोड़ा बदलाव करने की जरूरत है. विकेट पर आप कैसे खड़े होते हो.  स्टांस के दौरान काफी अधिक झुकने की जगह आपको सीधा खड़ा होना होता है. ऐसे में शॉर्ट गेंद को खेलना आसान हो जाता है. श्रेयस अय्यर ने कहा, मैंने अपने लिए यह पैटर्न तय किया है. मैं जब भी खेलता हूं तो खुद को थोड़ा समय देता हूं और क्रीज पर पैर जमाता हूं. अगर वे उस क्षेत्ररक्षण के साथ गेंदबाजी करते हैं तो मैं आक्रामक रवैया भी अपनाता हूं. 

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श्रेयस अय्यर इस बात से सहमत हैं कि पहले मैच में जोश हेजलवुड के खिलाफ शॉट खेलने में भ्रम के कारण वह आउट हुए. उन्होंने कहा, मुझे पता था कि वह शॉर्ट गेंद फेंकने वाला है. मेरे दिमाग में दो बातें चल रही थी, मैं पुल करने और साथ ही अपर कट खेलने के बारे में सोच रहा था. मैं दो विचारों के बीच में फंस गया और शॉट नहीं खेल पाया. श्रेयस अय्यर ने अलग तरह की पिचों से सामंजस्य बैठाने की चुनौती पर भी बात की जैसे यूएई में इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान पिच पर कम उछाल था जबकि आस्ट्रेलिया में अधिक उछाल है. श्रेयस अय्यर ने कहा कि एक समस्या यह भी थी कि ब्लैकटाउन इंटरनेशल पार्क में ट्रेनिंग विकेट की प्रकृति सिडनी क्रिकेट मैदान के विकेट से अलग थी. उन्होंने कहा, अभ्यास के लिए जो विकेट मिले वे मैच के विकेटों से अलग थे. सामंजस्य बैठाने में समय लग रहा है लेकिन यह चुनौती है. मैं इस चुनौती का लुत्फ उठा रहा हूं. 

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एक अन्य समस्या गेंदबाजों का टी20 में चार ओवर से एकदिवसीय फॉर्मेट में प्रति पारी 10 ओवर के अनुसार ढलना है. श्रेयस अय्यर ने कहा, 20 ओवर के फॉर्मेट से 50 ओवर के प्रारूप में ढलना काफी मुश्किल है. गेंदबाजों को 10 ओवर गेंदबाजी के बाद 50 ओवर क्षेत्ररक्षण भी करना पड़ रहा है. उनके नजरिये से यह आसान नहीं है लेकिन वे सकारात्मक मानसिकता के साथ वापसी करेंगे. श्रेयस अय्यर का मानना है कि गेंदबाजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनमें से अधिकांश पर आईपीएल के दौरान गेंदबाजी का काफी बोझ था. यह पूछने पर कि क्या सफेद कूकाबूरा गेंद का भी गेंदबाजों पर असर पड़ रहा है तो उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर, अगर आप दोनों मैचों के स्कोर देखें तो 300 (350) से अधिक रन बने. गेंदबाजों को निश्चित तौर पर गेंद को लेकर कुछ परेशानी हो रही है.

(इनपुट भाषा)