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World Cup: जब रायडु की तरह 2003 विश्व कप से वीवीएस लक्ष्मण हुए थे बाहर, अधूरा रह गया था सपना

अंबति रायडू (Ambati Rayudu) अपने करियर में शुरू से नंबर तीन या चार पर खेलते रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर से उन्हें नियमित तौर पर नंबर चार पर उतारा गया.

Updated on: 17 Apr 2019, 03:35 PM

नई दिल्ली:

इतिहास अपने को दोहराता है और क्रिकेट भी इसका अपवाद नहीं है. सोलह साल पहले जिन परिस्थितियों में वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) विश्व कप (World Cup) 2003 की टीम में नहीं आ पाए थे लगभग वैसी ही कहानी दूसरे हैदराबादी बल्लेबाज अंबति रायडू (Ambati Rayudu) के साथ दोहरायी गयी है. तीसरे नंबर के बल्लेबाज के रूप में वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) का 2003 में विश्व कप (World Cup) टीम में स्थान पक्का माना जा रहा था. लेकिन टीम चयन से चंद महीने पहले न्यूजीलैंड दौरे में खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें विश्व कप (World Cup) टीम में जगह नहीं मिल पायी. अंबति रायडू (Ambati Rayudu) अपने करियर में शुरू से नंबर तीन या चार पर खेलते रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर से उन्हें नियमित तौर पर नंबर चार पर उतारा गया. लेकिन ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ तीन मैचों में नाकामी के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और अब लगता है कि 33 वर्षीय अंबति रायडू (Ambati Rayudu) का हैदराबाद के अपने सीनियर वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) की तरह विश्व कप (World Cup) खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा.

चयनकर्ताओं ने तब वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) की जगह दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) को लिया था. दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) के चयन का आधार यही था कि वह खेल की तीनों विधाओं बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में थोड़ा थोड़ा योगदान दे सकते थे, जबकि वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) विशुद्ध बल्लेबाज थे.

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अंबति रायडू (Ambati Rayudu) की जगह चुने गये विजय शंकर ने इसी साल एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और अब तक केवल नौ मैच खेले हैं.

चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने शंकर के चयन पर 'त्रिआयामी' शब्द का उपयोग किया, क्योंकि वह तीनों विधाओं में योगदान दे सकते हैं. अंबति रायडू (Ambati Rayudu) विशुद्ध बल्लेबाज हैं.

वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने विश्व कप (World Cup) 2019 की टीम को लेकर कहा कि 'यह संतुलित टीम है और भारत विश्व कप (World Cup) का प्रबल दावेदार है.' हालांकि, टीम चयन से पहले उन्होंने खुद की 15 सदस्यीय टीम चुनी थी जिसमें अंबति रायडू (Ambati Rayudu) को जगह दी थी. स्वाभाविक है कि अंबति रायडू (Ambati Rayudu) को बाहर करने से वे निराश होंगे.

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वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को जब विश्व कप (World Cup) की टीम से बाहर किया गया था, तो उन्होंने तब कहा था, ' यह मेरे करियर का सबसे हताशाजनक क्षण था. मैंने विश्व कप (World Cup) के लिये कड़ी मेहनत की थी. पिछले साल (2002 में) वेस्टइंडीज श्रृंखला में मैंने सबसे अधिक रन (312) बनाये थे और इसके बाद इस तरह से टीम से बाहर किया जाना बेहद करारा झटका था. यह निराशा हमेशा बनी रहेगी. इस खबर को पचाने में मुझे थोड़ा समय लगा.' 

अंबति रायडू (Ambati Rayudu) ने भी अपनी निराशा व्यक्त की और उन्होंने 'त्रिआयामी' शब्द का उपयोग व्यंग्यात्मक लहजे में करके चयनकर्ताओं पर तंज कसा. अंबति रायडू (Ambati Rayudu) ने ट्वीट किया, 'विश्व कप (World Cup) देखने के लिये त्रिआयामी (3डी) चश्मे का आर्डर कर दिया है.'

अंबति रायडू (Ambati Rayudu) के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रज्ञान ओझा ने लिखा था, 'हैदराबादी क्रिकेटरों का दिलचस्प मामला... ऐसी स्थिति में रह चुका हूं. निराशा समझ सकता हूं.'

दिलचस्प बात यह थी कि 2002—03 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले तीन वनडे में वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) खेले थे जिनमें उन्होंने 9, 20 और 10 रन की पारियां खेली थी. इसके बाद तीन वनडे में उनकी जगह दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) उतारे गये जिसमें वह 12, दो और शून्य का स्कोर ही बना पाये थे.

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इसके बावजूद दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) को विश्व कप (World Cup) टीम में चुना गया जिसमें उन्होंने 11 मैच की छह पारियों में 20 की औसत से 120 रन बनाये थे. उन्होंने पांच विकेट लिये थे. दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) इसके बाद ज्यादा दिनों तक टीम में नहीं रहे और वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने वापसी पर ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ चेन्नई में 102 रन बनाये थे.

अंबति रायडू (Ambati Rayudu) ने ऑस्ट्रेलियाई श्रृंखला से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी मैच में 90 रन बनाये थे. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ तीन मैचों में वह 33 रन ही बना पाये और आखिर में ये तीन पारियां उनका विश्व कप (World Cup) में खेलने का सपना चकनाचूर कर गयी.