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World Cup: पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद यह बड़ा बांग्लादेशी खिलाड़ी लेगा क्रिकेट से संन्यास

अगर मशरफे संन्यास लेने का फैसला लेते हैं तो उनके खाते में 24 वर्ल्ड कप मैच खेलने का रिकॉर्ड होगा. मशरफे ने अपने वर्ल्ड कप करियर का पहला मैच साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेला था.

Updated on: 06 Jul 2019, 07:20 AM

नई दिल्ली:

आईसीसी (ICC) विश्व कप के 43वें मैच के बाद बांग्लादेशी खिलाड़ी मशरफे मोर्तजा (Mashrafe Mortaza) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. मशरफे मोर्तजा (Mashrafe Mortaza) ने ऐलान किया था कि शुक्रवार को पाकिस्तान के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर वो आईसीसी (ICC) वर्ल्ड कप (World Cup) में अपना आखिरी मैच खेलेंगे. मशरफे मोर्तजा (Mashrafe Mortaza) ने कहा कि क्रिकेट के मक्का पर आखिरी मैच खेलने और इस मौके का आनंद लेने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता.

अगर कप्तान मशरफे मोर्तजा (Mashrafe Mortaza) संन्यास लेने का फैसला लेते हैं तो उनके खाते में 24 वर्ल्ड कप (World Cup) मैच खेलने का रिकॉर्ड होगा. मशरफे ने अपने वर्ल्ड कप (World Cup) करियर का पहला मैच साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेला था.

हेड कोच स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,’ मैं अकसर उनके लिए सैनिक शब्द का इस्तेमाल करता हूं. लेकिन मशरफे टीम के लिए लड़ने मैदान पर उतरते हैं और सभी इस बात का सम्मान करते हैं. लोग उनकी बात को समझते हैं और तभी उनसे मुहब्बत भी करते हैं.‘

स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,‘ये मशरफे का आखिरी वर्ल्ड कप (World Cup) है, तभी ये उनके लिए काफी भावुक होने का वक्त है. मुझे उम्मीद है कि टीम इसी वजह से उन्हें सही सम्मान भी देगी. लेकिन हम आने वाले मुकाबले पर ज्यादा ध्यान देंगे.‘

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स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,‘बांग्लादेश की टीम को मशरफे के बिना भी आगे बढ़ते रहना होगा. भले ऐसा अभी होता है या फिर एक साल के बाद, सभी बड़ी टीम की तरह कभी ना कभी तो उनके बगैर खेलना ही होगा. ऐसा आसान नहीं होगा लेकिन हमें उनके बिना भी खेलते रहना होगा. उनकी जगह की भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा.‘

35 साल के मशरफे मोर्तजा (Mashrafe Mortaza) इस साल बांग्लादेश संसद के सदस्य बने थे. उन्होंने फिलहाल श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज़ के बारे में अपनी योजना के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.

स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा, ‘मशरफे हमारे कप्तान हैं अगर वो श्रीलंका जाते हैं तो बहुत अच्छा होगा. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तब भी हमें आगे बढ़ते रहना होगा.‘

रोड्स चाहते हैं कि उनकी टीम वर्ल्ड कप (World Cup) में अपने आखिरी मैच में पाकिस्तान को हराने में कामयाब हो. ताकि कुल चार जीत के साथ कोच को इस टूर्नामेंट में अच्छे नतीजों से संतुष्टि मिले.

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स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,‘अगर हम पाकिस्तान को हराने में कामयाब होते हैं तो मुझे लगेगा कि वर्ल्ड कप (World Cup) में हमें सफलता मिली भले ही हम सेमी-फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे. हम लगातार मैदान पर लड़ते रहे और अगर हमने आने वाले समय में ऐसा ही जोश दिखाया तब हम बेहतर होते रहेंगे.‘

स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,‘अब सिर्फ एक मैच बचा है जो लॉर्ड्स के खास मैदान पर खेला जाएगा. अगर हम वर्ल्ड कप (World Cup) में पाकिस्तान को हरा देते हैं तो हमें हर खिलाड़ी पर बहुत गर्व होगा.‘

रोड्स लॉर्ड्स के मैदान पर सफलता का स्वाद चख चुके हैं. 1990 के दशक में वूस्टरशर टीम के विकेटकीपर के रूप में उन्होंने जीत का स्वाद चखा है. साल 2005 और 2010 में बांग्लादेश ने इस ऐतिहासिक मैदान पर दो टेस्ट खेला है लेकिन दोनों बार टीम हार गई. लॉर्ड्स पर बांग्लादेश का ये पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा.

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रोड्स ने कहा,’ खिलाड़ियों को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक गेट्स के पास चलकर बहुत अच्छा लगा. जैसे ही खिलाड़ी पवेलियन में पहुंचे सभी सीढ़ियों के पास लगी पेंटिंग्स को देखने लगे. वहां से सभी चेंज रूम में पहुंचे और उन नामों पर गौर करने लगे जिन्होंने यहां खेले गए टेस्ट मैचों में 5 विकेट लिए या शतक लगाया है.‘

स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा,‘कुछ तो सीधे बालकोनी में चले गए और फिर वहां से उन्होंने शानदार नज़ारे का लुत्फ उठाया जहां से आप हर तरफ बेहतरीन स्टैंड्स और मैदान पर हरी घास की चादर को देख सकते हैं. लेकिन आपको खुद पर लॉर्ड्स को हावी नहीं होने देना चाहिए. आपको इस बात पर ध्यान देना होगा कि आप इस मैदान का अहसास करें क्योंकि इस जगह खेलना बहुत बड़ा सम्मान होता है.‘

स्टीव रोड्स (Steve Rhodes) ने कहा कि कोई भी यहां हारना नहीं चाहता है. मुझे उम्मीद है कि हम यहां कि अच्छी यादों को साथ लेकर लौटेंगे.