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World Cup: अंपायर की इस बड़ी गलती से जीता इंग्लैंड, ओवर थ्रो पर 6 नहीं 5 मिलने चाहिए थे रन

भले ही इंग्लैंड (England) को विश्व विजेता का तमगा हासिल हो गया है लेकिन इस मैच में अंपायर के एक बड़े फैसले पर विवाद शुरू हो गया है. अंपायर कुमार धर्मसेना की यह गलती इतनी भारी पड़ी कि न्यूजीलैंड अपने पहले खिताब से दूर रह गया.

Updated on: 16 Jul 2019, 02:49 PM

नई दिल्ली:

इंग्लैंड (England) क्रिकेट टीम का विश्व विजेता बनने का सपना आखिरकार रविवार को क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉडर्स मैदान पर बेहद नाटकीय अंदाज में 44 साल बाद पूरा हो गया. इंग्लैंड (England) ने आईसीसी (ICC) विश्व कप (World Cup)-2019 के फाइनल में न्यूजीलैंड को सुपर ओवर से मात दे पहली बार विश्व विजेता का तमगा हासिल किया है और इतिहास रचा. भले ही इंग्लैंड (England) को विश्व विजेता का तमगा हासिल हो गया है लेकिन इस मैच में अंपायर के एक बड़े फैसले पर विवाद शुरू हो गया है. अंपायर कुमार धर्मसेना की यह गलती इतनी भारी पड़ी कि न्यूजीलैंड अपने पहले खिताब से दूर रह गया.

दरअसल ट्रेंट बोल्ट को आखिरी ओवर में 15 रन बचाने की चुनौती मिली थी. ऐसे मोड़ पर स्टोक्स ने तीसरी गेंद पर छक्का जड़ा. बोल्ट की चौथी गेंद पर स्टोक्स ने दो रन लिए लेकिन मिडविकेट की तरफ से विकेटकीपर की तरफ फेंका गया गप्टिल का थ्रो स्टोक्स के बैट से टकराकर चार रन के लिए बाउंड्री के पार चला गया और इंग्लैंड (England) को इस एक गेंद पर 6 रन मिल गए.

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इस थ्रो पर मिले 6 रन पर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, स्पोर्ट्स वेबसाइट 'ESPN Cricinfo' के अनुसार, इंग्लैंड (England) को 5 रन दिए जा सकते थे, न कि 6 रन. कुमार धर्मसेना के इस फैसले को खुद पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने गलत बताया है.

सोमवार को फॉक्स स्पोर्टस से बात करते हुए सायमन टॉफेल ने कहा,'यह एक स्पष्ट गलती है ... यहां निर्णय लेने में बहुत बड़ा अपराध हुआ है. कुमार धर्मसेना को इंग्लैंड (England) को इस गेंद पर 5 रन देने चाहिए थे, 6 नहीं, जिस तरह का खेल चल रहा था उसकी गर्मी में उन्होंने यह गलती की. उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बल्लेबाज ने क्रॉस नहीं किया था जब थ्रो हुआ. टीवी रिप्ले में यह साफ दिखाई दिया है.'

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क्या कहता है आईसीसी का नियम?
गौरतलब है कि आईसीसी (ICC) के 19.8 लॉ के अनुसार, फील्डर के हाथ से गेंद थ्रो होने से पहले बल्लेबाज अगर एक-दूसरे को क्रॉस कर चुके होते हैं और गेंद किसी वजह से बाउंड्री पार कर जाती है तो रन पूरा (दौड़ा हुआ रन और बाउंड्री से 4 रन) माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो रन अधूरा ही माना जाएगा. इस वजह से अंपायरिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

उदाहरण के तौर पर अगर फील्डर ने तब थ्रो किया जब बल्लेबाज दूसरे रन के लिए दौड़ रहे हैं और एक-दूसरे को क्रॉस नहीं किए हैं, जबकि गेंद किसी अन्य फील्डर से नहीं रुकी और बाउंड्री पार कर गई तो दौड़ा हुआ दूसरा रन काउंट नहीं होगा. यानी दौड़कर लिया हुआ सिर्फ एक रन ही माना जाएगा और बाउंड्री के 4 रन मान्य होंगे.

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इसका मतलब बैटिंग टीम को 5 रन मिलेंगे. जैसा कि इस मैच में दावा किया जा रहा है. दूसरी ओर, हां, अगर यहां फील्डर के गेंद थ्रो करने से पहले दोनों बल्लेबाजों ने एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया है तो दूसरा रन भी मान्य होगा. यानी बैटिंग टीम को कुल 6 रन मिल जाएंगे.