डकवर्थ लुइस नियम का अविष्कार करने वाले टोनी लुईस का निधन, आईसीसी ने जताया शोक

डकवर्थ-लुईस-स्टर्न को 2015 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में पहली बार प्रयोग में लाया गया था.

डकवर्थ-लुईस-स्टर्न को 2015 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में पहली बार प्रयोग में लाया गया था.

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Sunil Chaurasia
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टोनी लुइस( Photo Credit : https://twitter.com/ESPNcricinfo)

आईसीसी ने डकवर्थ लुईस का नियम देने वाले गणितज्ञ टोनी लुईस के निधन पर शोक जताया है. लुईस का निधन हो गया है. वह 78 साल के थे. लुईस ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में वर्षा बाधित मैचों के लिए डकवर्थ-लुईस-स्टर्न विधि तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी.

क्रिकेट में टोनी का अमूल्य योगदान

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आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्योफ अलार्डिस ने कहा, "क्रिकेट में टोनी का बहुत बड़ा योगदान है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दोबारा लक्ष्य निर्धारित करने की मौजूदा प्रणाली दो दशक से भी अधिक समय पहले उनके और फ्रैंक (डकवर्थ) द्वारा विकसित प्रणाली पर आधारित है."

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उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षों में भी क्रिकेट के खेल के प्रति उनके योगदान को याद किया जाएगा. हमें उनके परिवार और मित्रों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हैं." लुईस ने अपने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर वह नियम बनाया था, जिससे मौसम के कारण प्रभावित हुए मैच में रनों का पीछा करने को तर्कसंगत बनाया जा सके. आईसीसी ने 1999 में खेले गए विश्व कप में इस नियम को अपनाया था.

2015 विश्व कप में पहली बार इस्तेमाल किया गया था डकवर्थ-लुईस-स्टर्न

आस्ट्रेलिया के प्रोफेसर स्टीवन स्टर्न ने 2014 में मौजूदा स्कोरिंग-रेट के हिसाब से इसे संशोधित किया और फिर से इसे डकवर्थ लुईस स्टर्न (डीएलएस) के नाम से पुकारा जाने लगा. डकवर्थ-लुईस-स्टर्न को 2015 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में पहली बार प्रयोग में लाया गया था.

Source : IANS

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