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World Cup: पाकिस्तान से मिली हार के बाद इंग्लैंड के लिए जानें कितना बदल गया है विश्व कप

वेस्टइंडीज (West indies) के हाथों मिली शर्मनाक हार के बाद तो उसकी गिनती फिसड्डी टीमों में होने लगी लेकिन ट्रेंट ब्रिज मैदान पर सोमवार को जो हुआ, उसने सभी को अपनी सोच में बदलाव के लिए बाध्य कर दिया.

Updated on: 04 Jun 2019, 04:04 PM

नई दिल्ली:

नॉटिंघम में सोमवार को मेजबान इंग्लैंड (England) पर पाकिस्तान (Pakistan) की जीत ने आईसीसी (ICC) विश्व कप (World Cup)-2019 में कई सम्भावनाओं के द्वार खोल दिए हैं. पाकिस्तान (Pakistan) को खिताब के दावेदारों में शामिल न करना क्रिकेट के पंडितों की पहली गलती थी और मेजबान होने के नाते इंग्लैंड (England) को अजेय मानना उनकी दूसरी गलती कही जा सकती है. पाकिस्तान (Pakistan) को इस विश्व कप (World Cup) से पहले खिताब के दावेदारों में शुमार नहीं किया जा रहा था. वेस्टइंडीज (West indies) के हाथों मिली शर्मनाक हार के बाद तो उसकी गिनती फिसड्डी टीमों में होने लगी लेकिन ट्रेंट ब्रिज मैदान पर सोमवार को जो हुआ, उसने सभी को अपनी सोच में बदलाव के लिए बाध्य कर दिया.

अब आलम यह है कि विंडीज के खिलाफ मिली हार के बाद पाकिस्तान (Pakistan) टीम पर बरसने वाले मिस्बाह उल हक, शोएब अख्तर और 1992 में खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य रहे रमीज राजा इसकी तारीफों के गुण गाने लगे हैं और यहां तक कि उसे खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल करने लगे हैं. वेस्टइंडीज (West indies) के महान खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स ने भी ट्वीट के जरिए पाकिस्तान (Pakistan) टीम की 'सहज लड़ाकू प्रवृति' की तारीफ की है.

नॉटिंघम में जो हुआ, उससे पाकिस्तान (Pakistan) के लिए जहां रातों-रात सबकुछ बदल गया, वहीं खिताब के दावेदारों में शामिल इंग्लैंड (England) को लेकर भी लोगों की सोच बदल गई. इंग्लैंड (England) को अजेय मानना गलत होगा. इससे बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी कमजोर समझी जाने वाली टीमों का मनोबल बढ़ा है, जो इस विश्व कप (World Cup) फॉरमेट के आधार पर आने वाले समय में इंग्लैंड (England) से भिड़ने वाली हैं.

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1992 में खराब शुरुआत के बाद भी खिताब तक पहुंचने वाली पाकिस्तान (Pakistan) टीम के पास इमरान खान के जैसा प्रेरणादायी और 'परफॉर्मिग' कप्तान नहीं है लेकिन सरफराज अहमद को क्रिकेट की इतनी समझ जरूर है कि 'एक्सपेरिमेंट' से हालात बदले जा सकते हैं. इंग्लैंड (England) की टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर रही है और इसी कारण सरफराज ने गेंदबाजी की शुरुआत स्पिनर शादाब खान से कराई.

सरफराज ने मैच के बाद कहा, 'हमने इस मैच में कुछ अलग चीजें आजमाईं. हमने शादाब से गेंदबाजी शुरू कराई क्योंकि हम जानते थे कि इंग्लिश टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर है. फील्डिंग हमारे लिए अहम थी. वेस्टइंडीज (West indies) के खिलाफ यह हमारी कमजोरी बनकर उभरी थी. इस मैच में हमने इसे सुधारते हुए कई रन बचाए. इससे हमें काफी आत्मबल मिला है.'

दूसरी ओर, इयोन मोर्गन की टीम ने कई आसान कैच गिराए और इसी ने मैच में अंतर पैदा किया. पाकिस्तान (Pakistan) टीम 348 रन बनाने में सफल रही और बाद में जोए रूट और जोस बटलर के शतकों के बावजूद इंग्लैंड (England) लक्ष्य से 14 रन दूर रह गई. 

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मैच के बाद मोर्गन ने स्वीकार किया कि फील्डिंग ने इस मैच में अंतर पैदा किया. मोर्गन ने कहा, 'हम फील्डिंग के कारण दोयम साबित हुए. इसी ने अंतर पैदा किया. अपनी गलतियों के कारण हमने 15-20 रन अधिक दिए और परिणाम बता रहा है कि यही रन हमें महंगे पड़े.'

मोर्गन ने एक खास बात कही और वह यह है कि पाकिस्तान (Pakistan) की जीत इस टूर्नामेंट के लिए काफी अहम प्रचार है. मोर्गन का आशय यह था कि पाकिस्तान (Pakistan) ने दिखा दिया कि किसी को भी हल्के में लेना किसी भी टीम के लिए अच्छा नहीं होगा. इसी तरह की घटना एक दिन पहले हुई थी, जब बांग्लादेश ने दक्षिण अफ्रीका को पटककर शानदार शुरुआत की थी.

अपने शानदार हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच चुने गए मोहम्मद हफीज ने भी एक अहम बात कही और वह यह है कि वेस्टइंडीज (West indies) के खिलाफ मिली हार के बाद उनकी टीम को सोचा-समझा जोखिम (केल्कुलेटेड रिस्क) लेना था जो उसने लिया और सफल रही.

इस मैच में 84 रनों की अहम पारी खेलने वाले हफीज ने कहा, 'शादाब से गेंदबाजी ओपन कराना एक केल्कुलेटेड रिस्क था. मेरा नेचुरल शॉट्स खेलना एक केल्कुलेटेड रिस्क था. हमें यकीन था कि हम अच्छा करेंगे और यही कारण था कि हमने रिस्क लिया और हम सफल रहे.'

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1992 में शुरुआती स्तर पर मिली सफलता के बाद इमरान खान ने अपनी टीम के सामने 'फाइट लाइक कॉर्नर्ड टाइगर्स' का नारा दिया था. सरफराज कभी भी नेतृत्व के मामले में इमरान की बराबरी नहीं कर सकते. वह कोई नारा नहीं दे सकते लेकिन इमरान ने जो किया था, उसे आजमा सकते थे.

ऐसे में जबकि पाकिस्तान (Pakistan) को खिताब के दावेदारों में शामिल नहीं किया जा रहा था और वह अपना पहला मैच बुरी तरह हारकर आलोचनाओं का शिकार हो रही थी, तो सरफराज को रिस्क तो लेना ही था और अब जबकि उनका रिस्क सफल रहा है, उनकी टीम दावेदारों में शामिल हो चुकी है.

1992 की टीम हो या फिर आज की, पाकिस्तान (Pakistan) को हमेशा से लड़ाकों में माना जाता रहा है. उसके पास युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का शानदार मिश्रण है और इन सबने मिलकर इंग्लैंड (England) के साथ-साथ पूरे क्रिकेट जगत को यह दिखाया कि पूर्वाग्रह कभी भी सही नहीं होता.

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हफीज ने एक बहुत अहम बात कही. उन्होंने कहा, 'पहला मैच हमारे अनुरूप नहीं रहा था लेकिन हम जानते थे कि हममें किसी भी टीम को हराने की काबिलियत है. इस जीत से हमारा आत्मबल बढ़ा है और हम आगे भी इस सफर को जारी रखने का प्रयास करेंगे.'