World Cup: दिनेश कार्तिक ने कहा लोग मुझे बुरा या अच्छा कह सकते हैं पर नहीं कर सकते नजरअंदाज

वर्ल्ड कप (World Cup) के लिए भारतीय टीम का चयन 15 अप्रैल को हुआ और कई जानकार इस बात के पक्ष में थे कि 33 वर्षीय दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) की जगह प्रतिभाशाली युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को मौका मिलना चाहिए था.

वर्ल्ड कप (World Cup) के लिए भारतीय टीम का चयन 15 अप्रैल को हुआ और कई जानकार इस बात के पक्ष में थे कि 33 वर्षीय दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) की जगह प्रतिभाशाली युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को मौका मिलना चाहिए था.

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vineet kumar1
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World Cup: दिनेश कार्तिक ने कहा लोग मुझे बुरा या अच्छा कह सकते हैं पर नहीं कर सकते नजरअंदाज

कार्तिक ने कहा लोग मुझे अच्छा-बुरा कह सकते हैं पर इग्नोर नहीं कर सकते

विश्व कप (World Cup) की भारतीय टीम में दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में चुने गए दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) को लेकर अक्सर इस बात की चर्चा होती रहती है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 15 साल पहले डेब्यू करने के बावजूद टीम से लगातार अंदर-बाहर होने का क्या कारण रहा है. वर्ल्ड कप (World Cup) के लिए भारतीय टीम का चयन 15 अप्रैल को हुआ और कई जानकार इस बात के पक्ष में थे कि 33 वर्षीय दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) की जगह प्रतिभाशाली युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को मौका मिलना चाहिए था. इन सब बातों पर विराम देते हुए दिनेश दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) खुद को टीम के लिए 'प्रासंगिक' मानते हैं.

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दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) ने कहा, 'अगर परिवार और दोस्तों की दुआएं मेरे साथ नहीं होती तो मैं अभी तक खेल नहीं पाता. अच्छा या बुरा, अगर लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप प्रासंगिक बने हुए हैं. यह देखना काफी सुकून देता है कि मैं इतने वर्षों के बाद भी प्रासंगिक बना हुआ हूं और टीम का हिस्सा होने के लिए अब भी मेहनत कर रहा हूं.'

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दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) ने महेंद्र सिंह धोनी से पहले पदार्पण किया था और अगर धोनी भारतीय टीम में नहीं आते तो दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) ने करियर में 26 टेस्ट और 91 वनडे से कहीं ज्यादा मैच खेले होते. दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) को यह मानने में कोई हिचक नहीं है कि वह एक स्पेशल खिलाड़ी के कारण टीम से बाहर हुए.

विकेट के पीछे धोनी के करीब पहुंचने में नाकाम रहे दिनेश कार्तिक (Dinesh karthik) ने बैटिंग पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया और 2017 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से टीम में जगह बनाए रखने में सफल हुए. श्री लंका में निदहास ट्रोफी के फाइनल में आखिरी गेंद पर जब उन्होंने सिक्स मारकर जीत दिलाई तब लगा कि टीम मैनेजमेंट की फिनिशर की खोज पूरी हुई.

उन्हें हालांकि वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की आखिरी सीरीज में टीम में जगह नहीं मिली थी, जिसके बाद से वर्ल्ड कप के लिए उनके चुने जाने पर संशय बन गया.

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उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए न चुने जाने पर मैं हैरान था, लेकिन मुझे भरोसा था और अंत में मुझे पिछले दो साल के प्रदर्शन के आधार पर चुना गया.'

Source : News Nation Bureau

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