आईएएस अधिकारी यतिराज ने पैरालंपिक का रजत दिवंगत पिता को किया समर्पित
आईएएस अधिकारी यतिराज ने पैरालंपिक का रजत दिवंगत पिता को किया समर्पित
टोक्यो:
पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास लालिनाकेरे यतिराज ने रविवार को एसएल 4 वर्ग में टोक्यो पैरालंपिक खेलों में जीता रजत पदक अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया, जो हमेशा करियर के साथ-साथ यतिराज को खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते थे।यतिराज को भारत की पैरालंपिक समिति द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, मैं अपने दिवंगत पिता को याद करता हूं जिनकी वजह से मैं यहां खड़ा हूं और मुझे मेरा पदक मिला है। क ई सारे लोग हैं जिन्हें मैं धन्यवाद देता हूं, मैं उन सब के आर्शिवाद से मैं यहां पहुंच सका हूं। मैं बेहद खुश और मेरे लिए यह गर्व का क्षण है।
कर्नाटक के सूरतकल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक प्राप्त कर चुके यतिराज और जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गौतम बौद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं, उन्होंने कहा कि यह पदक जीतना उनके लिए दुनिया है।
उन्होंने कहा, किसी भी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक या पैरालंपिक में पदक जीतने से बड़ी कोई उपलब्धि नहीं है। इसलिए यह पदक मेरे लिए दुनिया है।
यतिराज, जिनके एक टखने में खराबी है, उन्होंने कहा कि, कभी भी इस कमी के चलते अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोका।
यतिराज ने एक बार मीडिया से कहा था, मैंने खुद को कभी भी दुर्बलता के साथ नहीं देखा और मैं अपने माता-पिता के लिए इस मानसिकता का ऋणी हूं। मुझे शुरू से ही कोई विशेष उपचार नहीं दिया गया था। मेरे माता-पिता ने मुझे सहपाठियों के साथ खेलने के लिए प्रेरित किया और मुझे अंतर-विद्यालय दौड़ में भाग लेने की अनुमति दी, मुझे भी लगता है कि ज्यादातर अच्छी चीजों की तरह, कलंक भी घर से शुरू होता है। एक उचित जीवन जीने की सारी ताकत घर से शुरू होती है।
यतिराज ने 2012 में गंभीरता से बैडमिंटन खेलना शुरू किया और वे ज्यादातर काम के बाद बैडमिंटन का अभ्यास करते हैं - रोजाना रात 8.30 बजे से आधी रात तक।
उन्होने कहा, मैंने स्कूल स्तर पर बैडमिंटन खेला और सिविल सेवा अकादमी में यह मेरा पसंदीदा टाइमपास था। मेरे कुछ सहयोगियों ने मेरे खेलने के तरीके के लिए मेरी सराहना की और सुझाव दिया कि मुझे इसे पेशेवर रूप से लेना चाहिए। मेरी पत्नी रितु ने भी ऐसा ही सोचा था, इसलिए मैंने इसे आगे बढा़या। मेरी रुचि 2012 में शुरू हुई, मेरे टखने में विकृति ने मुझे अधिक खेल खेलने और अधिक सक्रिय रहने के लिए मजबूर किया। तब मुझे पैरा बैडमिंटन के बारे में पता चला और यह वहाँ से फिर मैं खेलता चला गया।
2007 में उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में काम करना शुरू किया। 2020 में उन्हें गौतम बौद्ध नगर का जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
यतिराज ने कहा, मैं सैप लैब्स इंडिया में (एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते हुए) काम रहा था। कंपनी के लिए बेंगलुरु, बैंकॉक और जर्मनी में काम किया। साल 2005 में मेरे पिता की मृत्यु ने मुझे घर ला दिया और मुझे एक आईएएस के रूप में देखने की उनकी इच्छा की याद दिला दी।
यतिराज ने 2018 में एशियाई पैरा खेलों, जकार्ता में टीम स्टैंडिंग एसएल 3-एसयू 5 में कांस्य और एशियाई पैरा बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2016 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने अब तक अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पांच स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक जीते हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Shah Rukh Khan Son: बेटे अबराम के साथ KKR को सपोर्ट करने पहुंचे शाहरुख, मैच से तस्वीरें वायरल
-
Rashmi Desai Fat-Shamed: फैट-शेमिंग करने वाले ट्रोलर्स को रश्मि देसाई ने दिया करारा जवाब, कही ये बातें
-
Sonam Kapoor Postpartum Weight Gain: प्रेगनेंसी के बाद सोनम कपूर का बढ़ गया 32 किलो वजन, फिट होने के लिए की इतनी मेहनत
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी