ऑस्ट्रेलिया के पूर्व मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने कहा कि वह अपने लगभग चार साल के कार्यकाल में टीम के प्रति रवैये के लिए कभी माफी नहीं मांगेंगे।
2018 में सैंडपेपरगेट विवाद के बाद लैंगर को मुख्य कोच बनाया गया था और उनके तहत ऑस्ट्रेलिया ने टी20 विश्व कप और साथ ही एशेज जीता था।
ऑस्ट्रेलिया के पाकिस्तान के सभी प्रारूपों के दौरे के लिए रवाना होने से पहले लैंगर ने कोचिंग पद से इस्तीफा दे दिया था, उसमें उन्होंने कहा था कि भूमिका के लिए अल्पकालिक विस्तार को अस्वीकार करते हुए उन्हें कई खिलाड़ियों और बोर्ड के सदस्यों का समर्थन नहीं मिला था।
लैंगर ने किम को दिए एक साक्षात्कार में कहा, यह अजीब बात है, मुझे लगता है कि यह दुनिया का तरीका है। ऑस्ट्रेलियाई टीम के कुछ खिलाड़ियों ने कहा था कि मैं बहुत कठोर था और कुछ खिलाड़ियों के साथ मेरा अलग व्यवहार था।
ऑस्ट्रेलियाई कोचिंग छोड़ने के बाद, लैंगर अब एक संस्मरण लिखने की प्रक्रिया में हैं, जिसे वे ए फॉर्म ऑफ थेरेपी कहते हैं।
उन्होंने कहा, जिस दिन मैंने इस्तीफा दिया, मुझे पर्थ वापस आना पड़ा और मुझे दो सप्ताह तक क्वारंटीन में रहना पड़ा। मैं अगली सुबह उठा और दीवार पर कुछ लिखा देखा, जिसे मैंने वर्षो पहले लिखा था।
लैंगर ने टिप्पणी की, मैंने द लायन एंड द बटरफ्लाई नामक इस पुस्तक को लिखना शुरू किया। शेर का नेतृत्व और तितली के हमेशा परिवर्तन के बारे में है और जब चीजें अच्छी तरह से नहीं चलती हैं, तो आपके पास एक विकल्प होता है, आप या तो छोड़ देते हैं, या आप सीखते हैं, जिससे आप बेहतर हो जाते हैं। मैंने उसे पढ़ा और मैंने सोचा ठीक है, मुझे अब अपने लिए खेद नहीं होगा, चलो इसे जारी रखते हैं।
लैंगर ने खेल के साथ तीन दशकों के अपने जुड़ाव में पहली बार क्रिकेट से आगे बढ़ने का संकेत दिया।
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Source : IANS