भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि उन्हें भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टेस्ट मैच के रद्द होने को लेकर बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
शास्त्री मैच से पहले लंदन में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे जिसके कुछ दिन बाद वह और तीन अन्य सहायक स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
पांचवें टेस्ट के शुरू होने से एक दिन पहले टीम के दूसरे फिजियो योगेश परमार भी कोरोना पॉजिटिव हुए जिसके बाद पांचवें टेस्ट मैच को रद्द कर दिया गया।
टेस्ट मैच रद्द होने को लेकर कई लोगों ने शास्त्री को निशाने पर लिया था। हालांकि, शास्त्री ने कहा कि बिना किसी गलती के उनकी आलोचना हो रही है।
शास्त्री ने द गार्जियन से कहा, वे मुझे बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मैं चिंतित नहीं हुआ। किताब विमोचन कार्यक्रम में करीब 250 लोग थे। यह विमोचन के समय नहीं हुआ क्योंकि कार्यक्रम 31 अगस्त को था और मैं तीन सितंबर को कोवोडि पॉजिटिव पाया गया। यह तीन दिनों में नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि लीड्स में मैं इसकी चपेट में आया। इंग्लैंड 19 जुलाई को खुला और अचानक होटल में लोग आने शुरू हुए और कोई पाबंदी नहीं थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पुस्तक के विमोचन के लिए जाने का पछतावा है, शास्त्री ने कहा, मुझे बिल्कुल भी पछतावा नहीं है क्योंकि उस समारोह में मैं जिन लोगों से मिला, वे शानदार थे। लड़कों के लिए बाहर निकलना और अलग-अलग लोगों से मिलना अच्छा था, न कि लगातार कमरे में रहना। ओवल टेस्ट में आप 5,000 लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली सीढ़ियां चढ़ रहे थे। लेकिन किताब के विमोचन पर ऊंगली उठा रहे हैं?
शास्त्री ने कहा, ईसीबी उत्कृष्ट रहा है और भारतीय क्रिकेट के साथ उनका रिश्ता जबरदस्त है। मुझे नहीं पता कि यह अगले साल एक स्टैंड-अलोन टेस्ट है या वे उन्हें दो अतिरिक्त टी20 मैच देते हैं, लेकिन मौजूदा रिश्ते के कारण ईसीबी को एक पैसा भी नहीं गंवाना पड़ेगा। 2008 में जब मुंबई में आतंकवादी विस्फोट हुआ था, इंग्लैंड ने वापस आकर टेस्ट खेला था। हम यह नहीं भूले हैं।
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Source : IANS