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हार्दिक पांड्या बोले, खुद के और टीम के साथ न्याय नहीं कर पा रहा था

पिछले कुछ समय से चोट के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) अपनी सफल सर्जरी के बाद अब रिहेबिलिटेशन की दौर से गुजर रहे हैं.

Updated on: 10 Dec 2019, 02:28 PM

नई दिल्‍ली:

पिछले कुछ समय से चोट के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) अपनी सफल सर्जरी के बाद अब रिहेबिलिटेशन की दौर से गुजर रहे हैं. हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने कहा कि क्रिकेट उनके खून में बसा है और वह खुद को इससे ज्यादा दूर नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि वह अब मैदान पर फिर से वापसी करने के लिए मानिसक रूप से फिट होना चाहते हैं. टीम से दूर रहकर खुद को हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को भी अच्छा नहीं लग रहा है. हालांकि उनका कहना है कि उन्हें अभी संयम रखने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने साथ और भारतीय टीम के साथ भी अन्याय कर रहे थे.

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हार्दिक (Hardik Pandya) ने कहा, मैं काफी दिनों से पीठ दर्द के बावजूद खेल रहा था. मैं कोशिश कर रहा था कि मुझे सर्जरी न करानी पड़े. इसके लिए मैंने हर वह कोशिश की, जो कर सकता था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मैंने महसूस किया कि मैं अपना शतप्रतिशत प्रदर्शन नहीं दे पा रहा था. उन्होंने कहा, मैं अपनी उस पूरी क्षमता के साथ नहीं खेल पा रहा था, जितना खेल सकता था और इसकी वजह चोट थी. इसका मतलब यह भी था कि मैं अपने और अपनी टीम के साथ न्याय नहीं कर रहा था. इसके बाद ही मैंने सर्जरी कराने का फैसला किया. हार्दिक ने आगे कहा, ईमानदारी से कहूं, तो अब मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. हम अच्छा काम कर रहे हैं. सर्जरी के बाद वापसी करना आसान नहीं होता. इसलिए हम पूरा एहतियात बरत रहे हैं. हरफनमौला क्रिकेटर ने कहा, पिछले चार-पांच वर्षो से खेलते हुए मैंने यह पाया है कि आप चोटिल नहीं होना चाहते हैं फिर भी आप चोटिल हो जाते हैं. यह खिलाड़ी के जीवन का एक हिस्सा है. आप यह दावा नहीं कर सकते कि चोटिल नहीं होंगे. इसलिए अब मैं मजबूत होकर वापसी करना चाहता हूं.

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यह पहली बार नहीं है जब हार्दिक चोट से वापसी कर रहे हैं. लेकिन इस समय वह मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं. हार्दिक ने कहा, यह शांत लग सकता है, लेकिन वापसी करना आसान नहीं है. हां, हम सभी को प्रेरणा मिलती है, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप गलत रास्ते पर न जाएं. आप खुद से सवाल न करें. आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है. मैं इन सब चीजों को पीछे छोड़ने की कोशिश करता हूं और सकारात्मक रहता हूं. अब मैं यह समझ चुका हूं कि वापसी मेरे लिए सही है और यह मुझे मजबूत बनाती है. उन्होंने साथ ही कहा, शारीरिक रूप से मैं वापसी कर सकता हूं. लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ होना महत्वपूर्ण है. ईमानदार होने के कारण मेरे जीवन में बहुत-सी चीजें हुई हैं और मैं अब मानसिक रूप से बहुत मजबूत हो गया हूं.