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कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच हरभजन सिंह ने उठाया बड़ा कदम, अब करेंगे ये काम

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में भारतीय क्रिकेटर लगातार मदद कर रहे हैं. कुछ क्रिकेटर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर रहे हैं, तो कुछ क्रिकेटर राशन सामग्री वितरण कर रहे हैं.

Updated on: 06 Apr 2020, 09:02 AM

New Delhi:

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में भारतीय क्रिकेटर लगातार मदद कर रहे हैं. कुछ क्रिकेटर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर रहे हैं, तो कुछ क्रिकेटर राशन सामग्री वितरण कर रहे हैं. सभी खिलाड़ी इसी मुहिम में जुटे हुए हैं कि किसी तरह से कोरोना की जंग जीती जाए और किसी को दिक्कत भी न हो ने पाए. अब ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. 

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ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कोविड-19 महामारी से लड़ाई में योगदान देते हुए अपने पैतृक शहर जालंधर में पांच हजार गरीब परिवारों को खाना खिलाने का वादा किया. कोरोना वायरस की चपेट में आने से भारत में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 3000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं.

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हरभजन ने कहा, भगवान के आशीर्वाद से गीता और मैं जालंधर में रहने वाले 5000 परिवारों को राशन वितरित करने का संकल्प लेते हैं. यह राशन उन लोगो में वितरित किया जाएगा जो इस मुश्किल समय में अपने परिवारों को भोजन कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हम संघर्ष के बोझ को कम करने के लिए अपने साथी नागरिकों की सहायता और समर्थन करना जारी रखेंगे. हरभजन से जब पूछा गया कि वह इस काम के लिए मुंबई से कैसे सामंजस्य बैठाएंगे तो उन्होंने कहा, मैं पहले दौलतपुरी में रहता था. मेरे करीबी दोस्तों ने आज उस क्षेत्र के 500 परिवारों को राशन दिया है. मैंने निजी तौर पर साहायक आयुक्त (पंजाब पुलिस) जालंधर से बात की है. मेरे दोस्तों की टीम उनके निर्देशों का पालन करेगी और उसी के अनुसार भोजन के पैकेट वितरित किए जाएंगे.

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हरभजन ने कहा कि वह तब तक राशन का वितरण जारी रखेंगे जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती. उन्होंने कहा, हम 5 किलो चावल, आटा, तेल और खाने की अन्य आवश्यक सामग्री वितरित कर रहे हैं. यह प्रयास फिलहाल जारी रहेगा. उन्होंने कहा, मैं अभी भी जालंधर से जुड़ा हुआ हूं. मैं मुंबई से जालंधर आता-जाता रहता हूं. जालंधर से मेरा जुड़ाव है और मैं अपने लोगों को परेशान होते नहीं देख सकता हूं. क्रिकेट से मुझे काफी कुछ मिला है और मैं कम से कम इतना तो कर ही सकता हूं.