भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि युवा विकेट कीपर ऋषभ पंत पर दबाव बनाना गलत होगा. टीम प्रबंधन को उनका सहयोग करना चाहिए. ऋषभ पंत को टीम इंडिया के टेस्ट, एक दिनी और T-20 के लिए टीम में शामिल किया गया है, लेकिन वे लगातार खराब फार्म से गुजर रहे हैं. हालांकि टेस्ट में उनका अब तक का प्रदर्शन रहा है. एक दिवसीय मैचों में वे खराब शॉट खेलने और लापरवाही भरे रवैये के कारण आलोचकों के निशाने पर हैं.
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एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए गौतम गंभीर ने कहा कि अगर आप केवल एक खिलाड़ी पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो करीब साल भर से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है, तो वह दबाव महसूस करेगा. गंभीर ने कहा कि इतने कम समय में ही पंत ने दो टेस्ट शतक लगा दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपको पंत का शॉट सेलेक्शन ठीक नहीं लगता तो यह उनके खेलने का तरीका है. गंभीर ने कहा कि पंत को टीम में रखा गया है तो उन्हें मौका देना चाहिए और इतनी जल्दी आलोचना करना ठीक नहीं है.
गौतम गंभीर ने साफ तौर पर कहा कि न कप्तान विराट कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री को पंत से बात करनी चाहिए. बोले कि टीम प्रबंधन की यह जिम्मेदारी है कि उस खिलाड़ी से बात करे तो फार्म से जूझ रहा है. इससे उनके खेल में सुधार आएगा और वे रन बनाने लगेंगे. उनसे बातकर उनकी समस्याओं का हल करना चाहिए और उन्हें आजादी देने की जरूरत है.
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गौतम गंभीर ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर भी टिप्पणी की. विश्व कप के बाद से धोनी ने कोई मैच नहीं खेला है. वे न तो संन्यास का ऐलान कर रहे हैं और न ही यह बता रहे हैं कि कब मैदान में उतरेंगे. गंभीर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि किस खिलाड़ी को कब संन्यास लेना है और कब नहीं यह उसका व्यक्तिगत निर्णय होता है. गंभीर बोले कि मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को धोनी से बात करनी चाहिए और उनसे उनकी योजनाओं के बारे में बात करनी चाहिए. गंभीर ने कहा कि अगर आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं तो आप यह तय नहीं कर सकते कि आप कौन सी सीरीज खेलेंगे और कौन सी नहीं.
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के मामले में पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का नाम घसीटा गया था, वह मामला अभी तक चल रहा है, इस पर भी गंभीर ने अपनी बात रखी. गौतम गंभीर ने कहा कि यह एक कठिन सवाल है. पिछले दिनों भारतीय पूर्व गेंदबाज चेतन शर्मा ने कहा था कि भारतीय कप्तान को चाहिए कि शानदार प्रदर्शन कर रहे जसप्रीत बुमराह को कुछ समय के लिए आराम दिया जाए. इस पर गौतम गंभीर ने सहमति नहीं जताई. गंभीर का मानना है कि अगर कोई खिलाड़ुी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो उसे हर हालत में खेलना ही चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि उन्हें केवल विदेशी जमीन पर ही खिलाना चाहिए. यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का सही तरीका नहीं है. गंभीर ने कहा कि बुमराह निश्चित तौर पर नंबर एक गेंदबाज हैं और टीम को उनकी जरूरत है. बुमराह खेल के तीनों प्रारूपों में शानदार खेल दिखा रहे हैं. वे किसी भी टीम और खिलाड़ी के लिए चुनौती बन सकते हैं.
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शर्मा के लिए गंभीर ने कहा कि उन्हें टेस्ट टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए. रोहित ने विश्व कप में पांच शतक लगाए थे, इसलिए उनका टीम में होना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन टीम में लेकर उन्हें अंतिम ग्यारह में शामिल न करना ठीक नहीं है. उन्हें खिलाया ही जाना चाहिए. अब रोहित टेस्ट में सलामी बल्लेबाज की नई भूमिका की चुनौती स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहे हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो