logo-image

झाड़ू लगाने से लेकर IPL के सफर तक, जानिए इस खिलाड़ी की रोचक कहानी

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे पोछा लगाने और झाडू (Sweeper) लगाने का काम करने के लिए ले जाया गया ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके.

Updated on: 24 Apr 2022, 11:51 AM

मुंबई:

KKR player Rinku Singh : कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाड़ी रिंकू सिंह (Rinku Singh) अचानक सुर्खियों में हैं. गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ रिंकू ने शानदार फील्डिंग करते हुए न सिर्फ चार कैच लपके बल्कि बैंटिग में भी कमाल दिखाते हुए 35 रनों की पारी खेली. उत्तर प्रदेश (UP) के रिंकू सिंह (Rinku Singh) का सफर उतना आसान नहीं रहा है. रिंकू सिंह को एक बार अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए स्वीपर तक का काम करना पड़ा था. आईपीएल (IPL) से न सिर्फ उनकी किस्मत चमकी बल्कि इस सीजन में गुजरात के खिलाफ खेले गए मैच के बाद एक बार फिर वह अचानक सुर्खियों में हैं.

यह भी पढ़ें : Happy Birthday Sachin: जब भारत के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से खेले थे तेंदुलकर

रिंकू सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं. उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी (Gas Cylinder) का काम करते थे. ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने होने के कारण रिंकू के क्रिकेटर बनने के सपने दम तोड़ने लगे. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे पोछा लगाने और झाडू (Sweeper) लगाने का काम करने के लिए ले जाया गया ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) में खेल रहे इस खिलाड़ी को लेकर कई दिल को छू लेने वाली कहानियां रही हैं. रिंकू के पिता खानचंद्र लखनऊ में एक एलपीजी गैस एजेंसी से एलपीजी सिलेंडर वितरित करते थे. रिंकू सिंह को क्रिकेट खेलने का काफी शौक था लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा आया जब क्रिकेट का शौक उनसे दूर हो गया था.

ऑटो रिक्शा चलाता था रिंकू का छोटा भाई

रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता था वहीं उनका दूसरा भाई भी कोचिंग सेंटर में नौकरी करके परिवार की आर्थिक मदद करता था. रिंकू सिंह 9वीं फेल है. ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण उन्हें ढंग की नौकरी भी नहीं मिल रही थी. रिंकू ने जब अपने भाई से नौकरी दिलवाने की बात कही तब उनका भाई जहां उन्हें ले गया वहां उन्हें झाड़ू मारने की नौकरी मिल रही थी.

तंगहाली के बाद क्रिकेट पर किया फोकस

रिंकू सिंह ने उस वक्त जान लिया कि उनकी लाइफ अगर कोई बदल सकता है तो वो केवल और केवल क्रिकेट ही है. रिंकू सिंह ने क्रिकेट पर पूरा फोकस करने का मन बनाया और दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट के दौरान जब उन्हें मैनमै ऑफ द सीरीज के तौर मोटरबाइक मिली तो ये मोरटबाइक उन्होंने अपने पापा को सिलेंडर डिलिवरी के लिए दे दी थी. रिंकू की मेहनत रंग लाई जब साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर से लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला. फिर इसके दो साल बाद रिंकू सिंह ने पंजाब के खिलाफ मुकाबले से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा. रिंकू सिंह ने अबतक 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 5 शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 2307 रन बनाए.