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'2026 के बाद न्यूजीलैंड और श्रीलंका सहित ये देश नहीं खेलेंगे टेस्ट मैच' ! 

इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने. दरअसल, हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपना दर्द बयां किया. उन्होंने दावा किया कि टेस्ट क्रिकेट धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा  क

Updated on: 05 Sep 2021, 05:20 PM

नई दिल्ली :

साल 2026 के बाद न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे जैसे देश टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे. सिर्फ इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, भारत और संभवतः दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान ही टेस्ट मैच खेलेंगे. ये दावा किया है इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने. दरअसल, हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपना दर्द बयां किया. उन्होंने दावा किया कि टेस्ट क्रिकेट धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा  कि यह बहुत दर्दनाक है लेकिन मुझे लगता है कि धीरे-धीरे ऐसा होगा. 2026 के बाद कुछ ही देश टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे. इसमें इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, भारत होंगे और साथ में संभवतः दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान होंगे. उनके ट्वीट के बाद टेस्ट मैच को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चा हो रही हैं. कोई इस ट्वीट पर हैरानी जता रहा है तो कोई सहमति जता रहा है. बहस में सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि हाल ही में टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हुई है. पहली टेस्ट चैंपिनयशिप न्यूजीलैंड ने जीती. कई सोशल मीडिया यूजर का सवाल है कि जब टेस्ट चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिता अब शुरू हूई हैं तो टेस्ट क्रिकेट महज पांच साल में कैसे खत्म हो सकता है. वहीं, 2026 के बाद टेस्ट खेलने वालों की लिस्ट में पीटरसन ने न्यूजीलैंड का नाम नहीं लिया, इस पर भी लोग हैरानी जता रहे हैं क्योंकि न्यूजीलैंड ने ही सबसे पहली टेस्ट चैंपियनशिप जीती है. 

बता दें कि इस समय 12 देश टेस्ट मैच खेलते आ रहे हैं. पीटरसन के दावे के अनुसार इसमें से सिर्फ पांच ही बचेंगे. हालांकि बहुत से क्रिकेट प्रेमी पीटरसन के दावे से कुछ-कुछ सहमति भी जता रहे हैं. क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट के प्रति दीवानगी कम हो रही है. अब लोग टी-20 या वनडे ही देखना पसंद करते हैं. बच्चे भी अब पांच दिन तक मैच नहीं खेलना चाहते. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट का भविष्य बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता. बहुत से देश भी टेस्ट क्रिकेट के आयोजन में नीरसता दिखा रहे हैं. पहले टेस्ट क्रिकेट को लेकर जो क्रेज होता था, वो अब नहीं दिख रहा है. पहले नये क्रिकेटरों का सपना होता था टेस्ट कैप पहनना लेकिन अब युवा क्रिकेटर टी-20 जैसे आयोजनों में भाग लेने के इच्छुक ज्यादा दिखाई देते हैं. 

बता दें कि टेस्ट क्रिकेट का इतिहास 400 साल से ज्यादा पुराना है लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में पहचान 18वीं सदी में मिलनी शुरू हुई और बाद में कई देश टेस्ट क्रिकेट खेलने लगे. इसके बाद 1963 में वनडे मैचों की शुरुआत हुई. 1971 से वनडे मैचों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन होने लगे. इस सदी की शुरुआत में टी-20 मैचों के आयोजन की तरफ लोग मुड़ने लगे और टेस्ट मैचों की लोकप्रियता पर असर पड़ने लगा.