भारत के पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने शुक्रवार को दबाव झेल रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली का समर्थन करते हुए कहा है कि हर क्रिकेटर के जीवन में उतार-चढ़ाव भरा समय आता है।
आजाद ने कहा कि भारत में आमतौर पर जीतने की ललक रहती है और लोगों में खेल भावना नहीं होती है।
कोहली का बल्ला काफी समय से खामोश चल रहा है और उन्होंने नवंबर 2019 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं जड़ा है।
1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे आजाद ने आईएएनएस से कहा, जब बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी करते है तो हम उसकी सराहना करते हैं लेकिन जब वह संघर्ष करता है तो हम तुरंत आलोचना करने लगते हैं। सभी खिलाड़िया का अच्छा और बुरा दिन होता है। भारत में आमतौर पर जनता में खेल भावना के बजाए जीतने की भावना ज्यादा होती है। हमें इससे सीख लेनी होगी।
उन्होंने कहा, अगर एंडरसन अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं और विकेट ले रहे हैं तो इसके लिए सिर्फ कोहली ही जिम्मेदार नहीं है। एंडरसन ने भी सराहना की है और यही खेल भावना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या लीड्स में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लेना सही निर्णय था, इस पर क्रिकेटर से राजनेता बने आजाद ने कहा कि कोई भी टीम यहां पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती।
आजाद ने कहा, टॉस कोई मायने नहीं रखता है। कोई भी टीम यहां पहले बल्लेबाजी चुनती।
इंग्लैंड के गेंदबाजों की सराहना करते हुए पूर्व क्रिकेटर ने भारतीय खिलाड़ियों को सलाह दी कि हालात को समझते हुए कोई योजना बनाएं।
आजाद ने कहा, अगर हम अपने गेंदबाजों की बात करें तो जब वह गेंदबाजी करते हैं तो इंग्लैंड के बल्लेबाज स्विंग कराने का मौका नहीं देते। मैंने एक चीज और देखी है कि हमारे गेंदबाज तीन गेंदें सही डालते हैं फिर अगली गेंद लेग स्टंप्स में डालते हैं और बल्लेबाज स्कोर करता है। जो अनुशासन मैंने इंग्लैंड के गेंदबाजों में देखा है वो भारतीयों में नहीं है।
-- आईएएनएस
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Source : IANS