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मिसबाह उल हक को कोच और सिलेक्‍टर बनाने पर अब पूर्व कप्‍तान ने की जमकर आलोचना, जानिए क्‍या कहा

पाकिस्‍तान में कब क्‍या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. पाकिस्‍तान की राजनीति में भी कभी भी कुछ भी उलटफेर हो जाता है और ऐसा ही कुछ क्रिकेट में भी होता है.

Updated on: 16 Apr 2020, 12:06 PM

New Delhi:

पाकिस्‍तान में कब क्‍या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. पाकिस्‍तान की राजनीति में भी कभी भी कुछ भी उलटफेर हो जाता है और ऐसा ही कुछ क्रिकेट में भी होता है. क्रिकेट खेलने वाले जो दुनिया के गिने चुने देश हैं, वहां कहीं ऐसा नहीं होता, जैसा पाकिस्‍तान क्रिकेट में होता है.  कभी भी आपने नहीं सुना होगा कि जो किसी टीम का चयनकर्ता है, वही आदमी हेड कोच भी बन जाए. लेकिन पाकिस्‍तान में ऐसा हो चुका है. पिछले दिनों यह निर्णय लिया गया था. पाकिस्‍तान के हेड कोच मिस्‍बाह उल हक हैं, वही चयनकर्ता यानी सिलेक्‍टर भी हैं,  तब इसकी काफी आलोचना भी हुई थी, लेकिन कुछ नहीं बदला. अब एक बार फिर से पाकिस्‍तान के शानदार बल्‍लेबाजों में से एक मोहम्‍मद यूसुफ ने इसकी आलोचना की है. 

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पूर्व पाकिस्तानी कप्तान मोहम्मद यूसुफ ने मिसबाह उल हक को मुख्य कोच और चयनकर्ता की दोहरी भूमिका में बनाए रखने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की आलोचना की है. मोहम्मद यूसुफ ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं बोर्ड के इन दोहरे मानदंडों को नहीं समझता. एक तरफ तो वे सभी कोचिंग क्वालीफिकेशन की बात करता है और दूसरी तरफ मिसबाह को मुख्य कोच बनाता है जबकि उसे पूर्व में क्लब स्तर पर भी कोचिंग का अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा, मिसबाह उल हक को बिना कोचिंग कौशल के नियुक्त करना योग्यता का मजाक बनाने जैसा है. उन्हें पीएसएल में कोचिंग की अनुमति देना भी गलत है. मोहम्मद यूसुफ ने कहा, मैंने हाल में मिसबाह की मीडिया से बातचीत सुनी जिसमें वह ईमानदारी और सत्यनिष्ठा जैसी बातें कर रहा था और जबकि जब वह कप्तान था तब उसने अजहर अली को कभी वनडे टीम में नहीं आने दिया. अभी पाकिस्तान टेस्ट टीम के कप्तान अजहर को जनवरी 2013 से अप्रैल 2015 तक वनडे टीम में जगह नहीं मिली थी. 

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आपको यह भी बात दें कि हाल में कुछ दिन पहले ही पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ ने कहा था कि साल 2009 में तत्कालीन कप्तान यूनुस खान के खिलाफ खिलाड़ियों की बगावत को भड़काने का काम मिस्बाह-उल-हक ने किया था. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, एक निजी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में यूसुफ ने यह बात बताई थी. उन्होंने कहा कि यूनुस और मिस्बाह के बीच तकरार 2009 के टी-20 विश्व कप में हुई थी. एक मैच के बाद यूनुस ने मिस्बाह को उनकी धीमी बल्लेबाजी के लिए कस कर डांटा था. इस पर मिस्बाह ने पलटकर कहा था कि तुमने (यूनुस ने) भी तो इसके पहले वाले मैच में सुस्त बल्लेबाजी की थी. यूसुफ ने कहा कि यूनुस खिलाड़ियों के साथ सख्ती से पेश आते थे और कहते थे कि ऐसा करना जरूरी है.

(पीटीआई इनपुट)