पूर्व भारतीय क्रिकेट क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने एक याचिका दाखिल कर खुद को बीसीसीआई के अधिकारी के तौर पर ‘अयोग्य’ घोषित करने वाले आदेश को वापस लेने की मांग की है।
इस याचिका में ठाकुर ने कोर्ट से अपने ऊपर की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग करते हुए कहा कि इनकी वजह से उन्हें समाज में शर्मिंदगी और व्यक्तिगत पीड़ा का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार बनाम बीसीसीआई मामले में भी खुद को पार्टी बनाने को लेकर अपील की है।
गौरतलब है कि इसी केस के कारण लोढा समिति का गठन हुआ और बीसीसीआई में इसकी सिफारिशों के कार्यान्वयन हुआ।
और पढ़ें: Ind Vs Eng: एक बार फिर अश्विन के शिकार बने कुक, उड़ा दी गिल्ली
आपको बता दें कि 2 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और बोर्ड सचिव अजय शिरके को भारतीय क्रिकेट बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में विफल होने और कोर्ट की ओर से 18 जुलाई, 2016 के अनुपालनों को लागू करने में असफलता के चलते उनके पदों से हटा दिया था।
इससे पहले 18 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए लोढ़ा समिति की सिफारिशों को मंजूर करते हुए बीसीसीआई को 6 महीने के अंदर सभी आधारभूत बदलाव करने का निर्देश दिया था।
और पढ़ें: IND vs Eng: जानें मैच के पहले दिन कोहली ने किया कुछ ऐसा, रूट बोले- सीरीज में बढ़ जाएगा रोमांच
Source : News Nation Bureau