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टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को कैंसर का खतरा? इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने बताईं भयानक और जरूरी बातें

स्किन कैंसर को झेल रहे ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व खिलाड़ी ने बताया कि लंबे समय तक धूप में रहने से खिलाड़ियों को इस भयानक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिससे वे खुद परेशान है.

Updated on: 30 Sep 2019, 06:11 PM

नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने टेस्ट क्रिकेट के आस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे से आगाह किया है. चैपल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को केवल टी-20 क्रिकेट ही नहीं बल्कि जलवायु परिवर्तन से भी बड़ा खतरा है. चैपल ने दुनिया के सभी क्रिकेट बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें जलवायु परिवर्तन से टेस्ट क्रिकेट को होने वाले नुकसान पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

क्रिकेट वेबसाइट espncricinfo पर चैपल ने लिखा, ''पांच दिवसीय मैचों का करीब से निरीक्षण करने से संकेत मिलते हैं कि हमारे सामने कुछ गंभीर चुनौतियां हैं. इनमें दो सबसे बड़ी चिंता लंबे प्रारूप पर टी-20 क्रिकेट और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है. खेल पर जलवायु परिवर्तन का असर एक बड़ी चिंता है. इसका हल उन राजनीतिज्ञों की निर्णायक कार्रवाई पर निर्भर करता है, जो झुंझलाहट भरा मौन धारण किए रहते हैं. सबसे पहले तो बढ़ते तापमान से खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. बारिश के कारण खेल में विलंब होने से अधिक हताशा भरा कुछ नहीं होता लेकिन कल्पना कीजिए कि सूरज की बेहद तेज रोशनी होने के कारण खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाना पड़े.''

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स्किन कैंसर को झेल रहे ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व खिलाड़ी ने बताया कि लंबे समय तक धूप में रहने से खिलाड़ियों को इस भयानक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिससे वे खुद परेशान है. चैपल ने वेबसाइट पर लिखा, ''यह हकीकत है कि अगर तापमान बढ़ता रहा तो खिलाड़ियों को लू लगने से या त्वचा के कैंसर से होने वाले नुकसान से बचाना होगा. मुकदमेबाजी के युग में क्रिकेट बोर्ड को सतर्कता से आगे बढ़ने की जरूरत है. इसमें कोई हैरानी नहीं कि दिन-रात्रि मैचों को टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अहम माना जा रहा है.''

चैपल ने आगे लिखा, ''इन सभी के अलावा समुद्र का जलस्तर बढ़ना भी चिंता का विषय है और अधिक क्रूर मौसमी घटनाएं जैसे विनाशकारी बवंडर और चक्रवात बुरा संकेत हैं. इसके साथ ही कम बारिश भी हमारे लिए काफी नुकसानदायक प्रभाव है. ये घटनाएं चेतावनी दे रही हैं कि क्रिकेटरों और प्रशासकों को जलवायु परिवर्तन पर गंभीरता से सोचने का समय आ गया है.'