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Exclusive Interview MS Dhoni Coach : एमएस धोनी ने फिर बताया कि वे हैं जीत की गारंटी 

आईपीएल 2021 का रोमांच एक बार फिर से शुरू हो गया है. दूसरे चरण के पहले ही मैच में टीम इंडिया के पू्र्व कप्‍तान और आईपीएल में सीएसके के कप्‍तान एमएस धोनी ने अपनी टीम चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स को शानदार जीत दिला दी है.

Updated on: 20 Sep 2021, 11:54 PM

नई दिल्‍ली :

आईपीएल 2021 का रोमांच एक बार फिर से शुरू हो गया है. दूसरे चरण के पहले ही मैच में टीम इंडिया के पू्र्व कप्‍तान और आईपीएल में सीएसके के कप्‍तान एमएस धोनी ने अपनी टीम चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स को शानदार जीत दिला दी है. एक वक्‍त मैच में ऐसा लग रहा था कि सीएसके ये मैच हार जाएगी, लेकिन छोटे स्‍कोर के बाद भी एमएस धोनी ने एक बार फिर साबित किया कि वे कितने चतुर और चालाक कप्‍तान हैं. चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत ने एक बार फिर से यह बताया कि भारतीय क्रिकेट में कैप्टन कूल का जलवा अब भी उतना ही कायम है, जितना आज से कुछे साल पहले था. साथ ही किसी भी मैच को अगर जीतना है तो एक हद तक गारंटी तभी हो सकती है, जबकि महेंद्र सिंह धोनी किसी न किसी रूप में टीम के साथ जुड़े रहें. इस मैच में मिली जीत पर एमएस धोनी के पहले कोच चंचल भट्टाचार्य ने न्‍यूज नेशन के साथ एक्‍सक्‍लूसिव बात की है. भट्टाचार्य उस डीएवी स्‍कूल रांची में क्रिकेट के कोच हुआ करते थे.  चंचल भट्टाचार्या ने बताया कि वास्तव में भारतीय क्रिकेट के सितारे महेंद्र सिंह धोनी की सबसे बड़ी ताकत उन की विकेटकीपिंग या बल्लेबाजी नहीं बल्कि इसके मुकाबले उनकी कप्तानी और जबर्दस्त मेंटरशिप होती है. जब से भारतीय क्रिकेट टीम में महेंद्र सिंह धोनी की एंट्री हुई है तब से ये सबके सामने है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक ऐसी दशा दी है जहां इनका जुझारूपन, पूरी तरह से अपने परवान पर हमेशा होता है. और ऐसा तब भी होता है जबकि सामने खड़ा प्रतिद्वंदी अपना जबरदस्त प्रदर्शन कर रहा होता है. 

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आईपीएल के दूसरे दौर के पहले मैच में चेन्नई सुपर किंग्स ने 156 रन बनाए और मुंबई इंडियंस को 20 रन से पराजित कर दिया. इस पहले मैच में कैप्टन कूल ने यह भी दिखा दिया कि उनकी बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग की बजाय उनकी कप्तानी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जो किसी भी मैच को जीतने की क्षमता रखती है और उस स्थिति में भी जबकि प्रतिद्वंदी अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर रहा हो. इस मैच में अधिकांश लोग यह मानने लगे थे कि शायद चेन्नई सुपर टीम इस मैच को खो देगी. लेकिन कैप्टन कूल ने न केवल इस मैच को जीता बल्कि एक बार फिर से यह बताया कि उनमें क्रिकेट का दमखम अब भी बरकरार है. वह विपरीत परिस्थितियों में भी किसी भी मैच को जीतने की क्षमता रखते हैं. उनका कहना है कि आईपीएल के इस मैच के बाद बीसीसीआई ने भी चैन की सांस ली होगी, जिसने कुछ दिन पहले ही महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम का मेंटर घोषित किया है.

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चंचल भट्टाचार्य ने न्‍यूज नेशन को बताया कि एमएस धोनी पहले फुटबॉल खेलते थे और बैडमिंटन के भी अच्‍छे खिलाड़ी थे. स्‍कूल के क्रिकेट टीम में विकेट कीपर कमी के कारण उन्‍हें क्रिकेट में लाया गया. उसी पहले ही मैच में धोनी ने साबित किया वे विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं. फुटबॉल के गोलकीपर की वजह से उन्‍हें क्रिकेट में भी फायदा मिला. उस मैच में धोनी ने एक्‍ट्रा के रूप में केवल चार ही रन दिए. उस मैच में नीचे के क्रम में उन्‍होंने बल्‍लेबाजी भी की. इसके बाद एमएस धोनी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब भी वे खेले तो पूरे जोश के साथ खेले. 

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न्‍होंने एक किस्‍सा शेयर करते हुए कहा कि एक स्‍कूल के टूर्नामेंट में पहले विकेट के लिए 317 रन की साझेदारी की, जिसमें एमएस धोनी ने 235 रन बनाए थे. इसके बाद लगातार टूर्नामेंट खेलते रहे. वहीं दरभंगा के एक टूर्नामेंट में उन्‍होंने 64 गेंद में 114 रन की पारी खेल दी. इसी के बाद वे सभी नजरों में आ गए. ये उनके लिए खास पड़ाव था. साल 2004 में कीनिया के खिलाफ धोनी ने इंडिया ए की ओर से खेला. उसी साल उन्‍हें टीम इंडिया के लिए चुन लिया गया. अपने पहले ही वन डे मैच में हालांकि धोनी के लिए अच्‍छा नहीं रहा. इसके बाद वे लगातार अच्‍छा ही अच्‍छा खेलते रहे. जब एमएस धोनी पाकिस्‍तान के दौरे पर गए और श्रीलंका के खिलाफ सीरीज खेली. उस वक्‍त पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति परवेज मुर्शरफ ने भी उनकी तारीफ की. एमएस धोनी ने अपनी कप्‍तानी में टीम इंडिया को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया. यही कारण रहा कि बीसीसीआई ने धोनी के संन्‍यास के बाद उन्‍हें टीम इंडिया के मेंटार के तौर पर चुना है.