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गेंद पर लगानी है लार या फिर पसीना, इस पर हर दिग्‍गज की अपनी अपनी राय, यहां पढ़िए

कोरोना वायरस के कारण इस वक्‍त तो पूरी दुनिया में क्रिकेट रुका हुआ है, लेकिन अब चिंता इस बात की है कि जब कुछ समय बाद हालात ठीक होंगे और क्रिकेट फिर से खेला जाना शुरू होगा तो कई सारी दिक्‍कतें पेश आने वाली हैं.

Updated on: 28 Apr 2020, 10:15 AM

New Delhi:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण इस वक्‍त तो पूरी दुनिया में क्रिकेट रुका हुआ है, लेकिन अब चिंता इस बात की है कि जब कुछ समय बाद हालात ठीक होंगे और क्रिकेट फिर से खेला जाना शुरू होगा तो कई सारी दिक्‍कतें पेश आने वाली हैं. सबसे परेशानी गेंदबाजों के सामने आने वाली हैं. क्‍योंकि गेंदबाजों और फील्‍डरों को गेंद की चमक बनाए रखने के लिए उस पर पसीना या फिर लार लगानी पड़ती हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण हो सकता है कि इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. ऐसे में पुराने दिग्‍गज अपने अपने तरीके से इस पर विमर्श कर रहे हैं. हालांकि संभावना इस बात की जताई जा रही है कि अगर लार और पसीने का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा तो आईसीसी किसी कृत्रिम पदार्थ को लगाने की अनुमति देगी.  लेकिन इस मामले को लेकर दिग्‍गजों की राय अलग अलग है. चलिए देखते हैं कि कौन सा पुराना दिग्‍गज इस मामले में क्‍या कह रहा है. 

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वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज माइकल होल्डिंग का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण गेंद से छेड़छाड़ के लिए कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल को वैध बनाना ‘विरोधाभासी’ है, जबकि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान गेंदबाज एलन डोनाल्ड ने इस पहल का समर्थन किया है. पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच और पूर्व दिग्गज वकार युनूस ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार और पसीने का विकल्प कुछ और नहीं हो सकता. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) कोविड-19 महामारी के बाद वायरस को फैलने से रोकने के लिए गेंद पर लार की जगह कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को वैध करने पर विचार कर रही है. माइकल होल्डिंग ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, मैंने पढ़ा है कि आईसीसी कोविड-19 की वजह से गेंद पर लार का इस्तेमाल करने से रोकने पर विचार कर रही है. खिलाड़ियों से गेंद पर चमक बनाए रखने के लिए अंपायर के सामने कृत्रिम पदार्थों का उपयोग करने की अनुमति देने की सोच रही है. मैं इसके पीछे के तर्क को नहीं समझ पा रहा हूं.

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वेस्टइंडीज के इस पूर्व दिग्गज ने कहा, आईसीसी को ऐसी स्थिति का सामना करने की जगह क्रिकेट को तभी शुरू करना चाहिए, जब माहौल पूरी तरह से सही हो. होल्डिंग के कहा कि आईसीसी के मुताबिक क्रिकेट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को 14 दिनों तक पृथक रहना होगा. उन्होंने सवाल उठाया जब खिलाड़ी इसे पूरा कर लेंगे तब लार का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा, अगर दो सप्ताह अलग रहने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य पर सवाल उठता है तो आप ऐसी स्थिति में क्रिकेट कैसे खेलेंगे. इसका यह मतलब होगा कि आप सबको खतरे में डाल रहे हैं. पाकिस्तान के दिग्गज वकार ने स्पष्ट किया कि लार का उपयोग बहुत जरूरी है और प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के फिर से शुरू होने पर इसे हटाया नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, एक तेज गेंदबाज के रूप में मैं इसे अस्वीकार करता हूं, क्योंकि लार और पसीने का उपयोग करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है.

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एक गेंद पूरे दिन एक हाथ से दूसरे हाथ जाती है. पसीने और लार का इस्तेमाल नैसर्गिक है. यह आदत की तरह है आप इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते. आप गेंदबाज को बाहरी चीज लगाने के लिए दे सकते हैं, लेकिन खेल के दौरान उसे लार और पसीने का इस्तेमाल करने से रोकाना संभव नहीं होगा. डोनाल्ड हालांकि इस विचार के पक्ष में है. उन्होंने कहा, मैं गेंद से छेड़छाड़ को वैध बनाने से बिल्कुल सहमत हूं. मैंने 2000 के दशक में किसी लेख में ऐसा कहा था. यह वैसे भी होता है. हम देखते हैं कि लोग जमीन पर गेंद फेंकते हैं और अंपायर ऐसा करने से माना करते है. यह स्पष्ट है कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. अगर इस पर अच्छी तरह से नजर रखी है तो यह काम कर सकता है.

(भाषा इनपुट)