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एमएस धोनी की तुलना में दिनेश कार्तिक ज्‍यादा बेहतर, इस पूर्व कप्‍तान ने कही ये बात

भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी के मैदान से बाहर होने के बाद भी उनकी चर्चा लगातार होती रहती है. यह तो शुरू से ही कहा जाता रहा है कि एमएस धोनी उस तरह से विकेटकीपिंग नहीं करते जैसे दुनियाभर के बाकी विकेटकीपर करते हैं.

Updated on: 09 Jun 2020, 08:42 AM

New Delhi:

भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के मैदान से बाहर होने के बाद भी उनकी चर्चा लगातार होती रहती है. यह तो शुरू से ही कहा जाता रहा है कि एमएस धोनी (Mahendra Singh Dhoni) उस तरह से विकेटकीपिंग नहीं करते जैसे दुनियाभर के बाकी विकेटकीपर करते हैं, लेकिन अब एक पूर्व कप्‍तान ने एमएस धोनी की तुलना टीम इंडिया (Team India) के ही पूर्व विकेटकीपर दिनेश कार्तिक (Dinesh Kartik) से कर दी है और यहां तक कह दिया है कि दिनेश कार्तिक धोनी की तुलना में उन्‍हें ज्‍यादा बेहतर लगे थे. 

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जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान टटेंडा टायबू ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी के पास विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की अलग तकनीक है, लेकिन उनका आंख-हाथ का संयोजन और मानसिक ताकत उन्हें वो बनाती है जो वो हैं. टटेंडा टायबू ने फैन प्ले स्पोटर्स रूलर 'इनसाइड आउट बैग्स' के यूट्यूब चैनल पर कहा, पहली बार जब मैंने एमएस धोनी को देखा था, अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो.. वह इंडिया-ए की टीम से खेल रहे थे. मुझे लगा था कि दिनेश कार्तिक, एमएस धोनी से ज्यादा नैसर्गिक खिलाड़ी थे. और कीपिंग में वो ज्यादा स्वाभाविक हैं. बल्लेबाजी में भी वो ज्यादा स्वाभाविक हैं. जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान कहा, एमएस धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं वो अलग है, वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते हैं, जैसे रखे जाते हैं, दोनों छोटी अंगुलियां चिपकाकर. जब वो गेंद को पकड़ते हैं तो उनके हाथ हमेशा ऐसे नहीं रहते. धोनी अलग तकनीक के बाद भी वह कैच पकड़ते हैं और पलक झपकते ही गिल्लियां बिखेर देते हैं.

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टटेंडा टायबू ने कहा, लेकिन एमएस हमेशा गेंद को पकड़ने में और तेजी से अपने पास लाने में सफल होते हैं जो एक अलग तकनीक है..जो काफी अलग. पूर्व विकेटकीपर ने कहा, यही बात उनकी बल्लेबाजी में भी लागू होती है. उनकी अलग तकनीक है, उनके आंख-हाथ का संयोजन शानदार है. लेकिन मुझे लगता है कि सिर्फ आंख-हाथ का संयोजन नहीं, बल्कि उनकी मानसिक ताकत भी है. जिम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि ट्रेनिंग कैसे करनी है इसे लेकर उन्होंने भारत के महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा है.

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उन्होंने कहा, आमतौर पर अगर आपका तरीका अलग है तो कोच बदलाव लाने के लिए कहते हैं, लेकिन के आंकड़े सबको गलत साबित करते है. आस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, गिलक्रिस्ट नैसर्गिक बल्लेबाज थे लेकिन नैसर्गिक विकेटकीपर नहीं थे. वह बल्लेबाजी की तुलना में विकेटकीपिंग का अभ्यास ज्यादा करते थे.

(एजेंसी इनपुट)