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Dilip vegsarkar and Sourav Ganguly: 'सौरव गांगुली को बयान देने का अधिकार नहीं'

विराट कोहली (Virat Kohli) का कप्तानी विवाद एक बार फिर उभरकर सामने आ रहा है. बीसीसीआई (BCCI) के प्रेसीडेंट और विराट कोहली ने कप्तानी मामले में अलग-अलग बयान दिए थे तब मामला सुर्खियों में आया था.

Updated on: 24 Dec 2021, 06:15 PM

नई दिल्ली :

सौरव गांगुली को विराट कोहली की कप्तानी मामले में बयान देने का अधिकार नहीं था. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. यह बात कही है पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसकर ने. पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने विराट कोहली और बीसीसीआई के कप्तानी वाले विवाद में पहली बार बयान दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक इंटरव्यू में उन्होंने ये कहा कि विराट ने भारतीय क्रिकेट और अपने देश के लिए अहम योगदान दिया है और वो एक बेहतर विदाई के हकदार थे. उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तानों को बेवजह बर्खास्त करने की बोर्ड की सदियों पुरानी परंपरा को बदलने की जरूरत है. 

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आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका दौरे से ठीक पहले बीसीसीआई ने विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाने की घोषणा की थी और इस सीरीज के लिए रोहित शर्मा को वनडे की कप्तानी सौंप दी थी. हालांकि टेस्ट सीरीज में विराट कोहली ही कप्तान हैं. इस मामले में पहले बीसीसीआई के प्रेसीडेंट सौरव गांगुली ने कहा था कि विराट कोहली को टी-20 की कप्तानी छोड़ने से मना किया गया था. उनसे कहा गया था कि अगर आप टी-20 की कप्तानी छोड़ेंगे तो वनडे की कप्तानी से भी आपको हटाना पड़ेगा लेकिन विराट कोहली नहीं माने. इसके कुछ दिन बाद विराट कोहली ने प्रेस कॉंफ्रेंस करके कहा था कि मुझसे टी-20 की कप्तानी के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया और कप्तानी से हटाने के महज एक घंटे पहले मुझे बताया गया कि मैं कप्तान नहीं हूं. 

अब दिलीप वेंगसरकर ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सौरव गांगुली को इस मामले में बयान देने का कोई अधिकार नहीं था. यह सलेक्शन कमेटी और कप्तान के बीच का मामला था. कप्तान को हटाना या रखना पूरी तरह सलेक्शन कमेटी का अधिकार होता है. इस मामले में सौरव को बीच में नहीं आना चाहिए था. वहीं, हाल ही में रवि शास्त्री ने भी इस मामले में कहा है कि इस विवाद को बेहतर तरीके से सुलझाया जाना चाहिए था.