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ग्लोबल वार्मिंग की मार से खिलाड़ी बेहाल, 'गर्मी से जुड़े नियम' लागू करने का सुझाव

ब्रिटिश असोसिएशन फॉर सस्टेनेबल स्पोर्ट और दो यूनिवर्सिटीज द्वारा मिलकर किए शोध के आधार पर यह सुझाव दिया गया है.

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vineet kumar1
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ग्लोबल वार्मिंग की मार से खिलाड़ी बेहाल, 'गर्मी से जुड़े नियम' लागू करने का सुझाव

ग्लोबल वार्मिंग की मार से खिलाड़ी बेहाल, नये नियम लागू करने का सुझाव

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जलवायु परिवर्तन को देखते हुए क्रिकेट में 'गर्मी से जुड़े नियम' लागू करने के सुझाव के साथ एक शोध जारी किया गया है. इस शोध में खराब मौसम में खेल को स्थगित करने का सुझाव दिया गया है. खेल शोधाकर्ताओं और पर्यावरण शिक्षाविदों के इस शोध को मंगलवार को जारी किया गया. ब्रिटिश असोसिएशन फॉर सस्टेनेबल स्पोर्ट और दो यूनिवर्सिटीज द्वारा मिलकर किए शोध के आधार पर यह सुझाव दिया गया है.

इसमें युवा खिलाड़ियों पर अधिक ध्यान देने को कहा गया है और साथ ही खेल सामग्री बनाने वाली कंपनियों को ऐसी सामग्री बनाने को कहा गया है जिसमें हवा बेहतर तरीके से गुजर सके क्योंकि बेहद गर्म मौसम अब अधिक स्थानों पर देखा जा रहा है. इस रिपोर्ट की प्रस्तावना लिखने वाले लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान के अधिकारी रसेल सेयमोर ने कहा, 'यह सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि सभी खेलों के लिए इस मुद्दे पर गंभीर होना का समय है.'

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उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी एक जगह खड़े नहीं रहते हैं और हमें आने वाले संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.' 'हिट फोर सिक्स' नाम की इस रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्रिकेट खेलने वाले देशों में खराब मौसम का असर पड़ रहा है, जिसमें सूखा, लू और तूफान जैसे मुश्किल मौसम का जिक्र है.

विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह के मौसम सामान्य होते जा रहे हैं. इसमें बताया गया कि है कि गर्मी के कारण ऑस्ट्रेलिया में आयु वर्ग के मैचों पर असर पड़ा, पानी की कमी के कारण साउथ अफ्रीका दौरा प्रभावित हुआ और बाढ़ के कारण इंग्लैंड में क्रिकेट सत्र में विलंब हुआ.

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इस शोध के लेखकों के मुताबिक जलवायु परिवर्तन बल्लेबाजों और विकेटकीपर के खेल को प्रभावित कर रहा है और उनका प्रदर्शन खराब हो रहा है. पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी में शरीर विज्ञान के प्रोफेसर और इस शोध के लेखकों में शामिल माइक टिपटोन ने कहा, '35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान होने पर शरीर खुद को ठंडा करना बंद कर देता है. बल्लेबाजों और विकेटकीपर के लिए यह मुश्किल स्थिति होती है. बचाव उपकरण के कारण पसीना निकलने का भी असर सीमित हो जाता है.'

Source : PTI

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