क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया के सामने पेश की बड़ी मिसाल, अब ट्रांसजेंडर्स भी खेल सकेंगे
इस प्रेस रिलीज में सीए ने घोषणा की है कि वह लिंग पहचान के साथ क्रिकेट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को एक एलीट क्रिकेट नीति और दिशा निर्देश के तहत सामुदायिक क्रिकेट खेलने की अनुमति प्रदान करेंगे.
नई दिल्ली:
क्रिकेट में प्रयोग के लिए मशहूर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia-CA) के बोर्ड ने एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है और इस फैसले से न सिर्फ खेल बदलेगा बल्कि इस खेल को नए आयाम भी मिलेंगे. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia-CA) (सीए) ने गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी की है जिसके अनुसार अंतर्राष्ट्रीय स्तर और कम्युनिटी क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए एक ट्रांसजेंडर नीति की घोषणा की है. इस प्रेस रिलीज में सीए ने घोषणा की है कि वह लिंग पहचान के साथ क्रिकेट में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को एक एलीट क्रिकेट नीति और दिशा निर्देश के तहत सामुदायिक क्रिकेट खेलने की अनुमति प्रदान करेंगे. इस नीति के तहत अब ट्रांसजेंडर भी क्रिकेट खेल सकेंगे.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia-CA) के सीईओ केविन रॉबर्ट्स ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया, 'यह समझ नहीं आता है कि आज भी लोगों के साथ उनकी पहचान के कारण भेदभाव किया जाता है, उन्हें परेशान किया जाता है या बाहर रखा जाता है और यह सही नहीं है. आज हम हर स्तर पर खेल में एक अलग लिंग पहचान वाले लोगों को शामिल करने जा रहे हैं. ताकि हमारे सभी लोगों को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और संस्कृति के बारे में पता चल सके.'
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क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia-CA) की नीति लिंग पहचान के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के साथ जुड़ी हुई है. यह नीति ट्रांसजेंडर और अलग-अलग लिंग वाले क्रिकेटरों को मार्गदर्शन प्रदान करती है कि वे खेल के उच्चतम स्तर पर किस तरह से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'ताकत, सहनशक्ति और कायाकल्प सभी प्रासंगिक कारक हैं जब प्रतिस्पर्धात्मक खेल में प्रतिस्पर्धा होती है, तो ट्रांसजेंडर और लिंग विविध खिलाड़ियों को इस नीति के माध्यम से क्रिकेट में भाग लेने के लिए समर्थन दिया जाएगा.'
इस नीति के अनुसार सामुदायिक क्रिकेट स्तर पर क्लबों और संघों को दिशानिर्देश दिए जाते हैं कि वो ट्रांसजेंडर और लिंग के विविध खिलाड़ियों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें.
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इस नीति में कहा गया है कि ताकत, सहनशक्ति या काया के प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के लिए नीति के तहत कोई भी खिलाड़ी जो महिला क्रिकेट में भाग ले रहा है, उसे यह स्थापित करने में सक्षम होना चाहिए कि सीरम में टेस्टोस्टेरोन की उनकी मात्रा लगातार 10 नैनोमीटर प्रति लीटर से कम हो और ये कम से कम 12 महीने के लिए होना चाहिए.
अतिरिक्त उपाय के रूप में, निष्पक्ष और सार्थक प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल के लिए एक रेफरल प्रक्रिया स्थापित की गई है.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर, एलेक्स ब्लैकवेल, जो इस नीति को एक साथ लाने में सबसे आगे रहे हैं, ने कहा, 'ये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट द्वारा उठाया गया एक अदभुत कदम है. यह ऑस्ट्रेलिया का पसंदीदा खेल है और इस खेल को सभी को मिलकर खेलना चाहिए. यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम इस खेल को जीएं और इस बारे में बात करें.'
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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मेगन शुट्ट ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा, 'एक नीति और दिशानिर्देशों में, जिसमें ट्रांसजेंडर और लिंग विविध खिलाड़ी शामिल हैं, हर किसी के लिए खेल खेलने के लिए बेहतर माहौल तैयार करेगा. अब जब हम जानते हैं कि जो कोई भी ट्रांसजेंडर या लिंग विविध है, उसके पास उच्चतम स्तर पर क्रिकेट खेलने का मौका है और यह सही भी है. मुझे लगता है कि ये इस दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम है.'
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