राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में महिलाओं की 55 किग्रा वर्ग में भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू की एंट्री को अस्वीकार कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वह बमिर्ंघम में चतुष्कोणीय मुकाबले में 49 किग्रा वर्ग में ही प्रतिस्पर्धा कर पाएंगी।
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) ने पहले चानू को उच्च 55 किग्रा वर्ग में प्रवेश करने की योजना बनाई थी, ताकि 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले राष्ट्रमंडल गेम्स में भारत के पदक की संभावना बन सके।
पहले ही राष्ट्रमंडल में शीर्ष क्रम के भारतीय भारोत्तोलक होने के सौजन्य से सीडब्ल्यूजी 49 किग्रा स्पर्धा के लिए क्वालीफाई कर चुकी मणिपुरी वेटलिफ्टर ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने फरवरी में सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल में स्वर्ण जीतकर 55 किग्रा में कटौती की, जो अंतिम राष्ट्रमंडल खेलों का क्वालीफाइंग इवेंट था।
हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) द्वारा प्रवेश नियमों में बदलाव ने टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेताओं की सीडब्ल्यूजी 2022 में 55 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करने की संभावनाओं को बंद कर दिया।
नए नियम के अनुसार, एक श्रेणी में देश का शीर्ष क्रम का भारोत्तोलक राष्ट्रमंडल के लिए आगे जाता है, लेकिन अगर वे पीछे हट जाते हैं, तो अगले सर्वश्रेष्ठ भारोत्तोलक को स्वचालित रूप से उनको जगह नहीं मिलती है। पुराने नियम के अनुसार, स्थान अगले सर्वश्रेष्ठ या योग्य भारोत्तोलक के पास चला जाता है।
मीराबाई चानू की साथी मणिपुरी भारोत्तोलक बिंद्यारानी देवी 55 किग्रा वर्ग में शीर्ष क्रम की भारतीय भारोत्तोलक हैं। ओलम्पिक डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में रविवार को कहा गया कि अगर मीराबाई आईडब्ल्यूएलएफ की शुरुआती योजना के मुताबिक 55 किग्रा में हिस्सा लेतीं तो बिंद्यारानी को 59 किग्रा वर्ग में जाना होगा।
पूर्व विश्व चैंपियन मीराबाई चानू राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अपने 49 किग्रा में वापस आ जाएंगी, जबकि बिंद्यारानी देव और पोपी हजारिका क्रमश: 55 किग्रा और 59 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करेंगी। भारत में अब महिलाओं के 64 किग्रा के लिए नो एंट्री होगी।
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Source : IANS