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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: विराट कोहली अब करो अफ्रीका का किला फतह, वरना जीत के सपनों का महल ढह जाएगा

चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में अपना खिताब बचाने उतरी टीम इंडिया का रविवार को साउथ अफ्रीका से मुकाबला है। दोनों ही टीमों के लिए यह मैच करो या मरो का है।

Updated on: 10 Jun 2017, 12:57 PM

नई दिल्ली:

चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में अपना खिताब बचाने उतरी टीम इंडिया का रविवार को साउथ अफ्रीका से मुकाबला है। दोनों ही टीमों के लिए यह मैच करो या मरो का है।

इस नॉक आउट मुकाबले में टीम इंडिया को उन सभी गलतियों को दूर करना होगा जो पिछले मुकाबले में टीम के खिलाड़ियों से हुआ है। आईए जानते हैं कि टीम इंडिया को किन किन बातों का ध्यान रखना होगा ताकि वह अफ्रिका के किले पर फतह कर खिताब जितने के सपने को जिंदा रख सके।


1. रविचंद्रन अश्विन की टीम में वापसी

रविचंद्रन अश्विन को इस अहम मुकाबले में भारतीय टीम में वापस लाने चाहिए। अश्विन ने 105 मैच में 145 विकेट लिए है. और इस करो या मरो के मैच में उनका अहम योगदान होगा।

कोहली को किसी भी तरह प्लेइंग 11 में उन्हें जगह देना होगा। जिस तरह इंग्लैंड में हर मैच पर बारिश का साया होता है ऐसे में अश्विन टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।


2- फिल्डिंग में लाना होगा सुधार
कैच जिताए मैच वाला वाकया अब वनडे क्रिकेट में बेहद महत्वपुर्ण हो गया है। विराट से लेकर रोहित तक जडेजा से लेकर युवराज तक टीम में बेहतरीन फिल्डर्स हैं।

भुवनेश्वर कुमार और केदार जाधव की फिल्डिंग टीम के लिए चिंता की बात जरुर है। इन दोनों के फिल्डिंग का स्तक चैंपियंस ट्रॉफी में औसतन रहा। कई कैच छोड़े। इसलिए टीम को साउथ अफ्रिका के खिलाफ फिल्डिंग का स्तर उठाना होगा क्योंकि उनके सामने वाली टीम फिल्डिंग के मामले में दुनिया की बेहतरीन टीमों में से एक है।

3-टॉस जीते तो समझों मैच जीते
अगर बारिश मैच को छोटा कर देती है तो टॉस जीतने वाली टीम के लिए मैच जीतना कुछ आसान हो जाएगा। टॉस जीतने वाली टीम अपनी रणनीति के हिसाब से गेंदबाजी या बल्लेबाजी चुन सकती है। जैसे भारत और श्रीलंका के बीच मैच में हुआ था कि भारत के कप्तान विराट कोहली और श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज दोनों ओवल की पिच पर लक्ष्य का पीछा करना चाहते थे, लेकिन टॉस जीतने वाले कप्तान को यह मौका मिला और उन्होंने अपनी टीम को जीत दिला दी।

4-मीडिल ओवर्स में बनाने होंगे रन
भारत की शुरुआत अच्छी रहती है। टीम आखरी के ओवर्स में भी ज्यादा से ज्यादा रन बनाने में सफल रही है लेकिन मीडिल ओवर्स में टीम ने बेहद स्लो खेला है।

श्रीलंका से हारने के बाद कोहली ने कहा था कि अगर 15 या 20 रन और होते तो मैच का नतीजा कुछ और ही होता। पहले मैच में रोहित शर्मा ने तो दूसरे मैच में शिखर धवन ने मीडिल ओवर्स में स्लो बल्लेबाज़ी की। साउथ अफ्रीका के धमाकेदार बल्लेबाज़ो के सामने भारत के बल्लेबाज़ों को तेज खेलना होगा और मीडिल ओवर्स में भी रन रेट बनाए रखना होगा।

5-नई गेंद से लेना होगा विकेट
नए बॉल से भारतीय गेंदबाजो को विकेट निकालना होगा। अब तक खेले दोनों ही मैचों में तेज गेंदबाज़ों ने केवल 1 विकेट शुरुआती 10 ओवर्स में निकाले। शामी को अगर आखरी 11 में जगह मिलती है तो भुवनेश्वर कुमार के साथ वह कारगर साबित हो सकते हैं।